रेत में दफन सड़कें:गर्मियों में आंधियों से रेत बदलती हैं जगह, डामर सड़कें बालू से अटी, कई गांवों के संपर्क कटे
इन दिनों गर्मी की सीजन के साथ ही आंधियों का दौर चल रहा है। रेतीले धोरों वाले बाड़मेर में तेज आंधियों के कारण रेत रातभर में स्थान बदल लेती है। सड़कों पर तीन से चार फीट रेत जमा हो जाती है। इसी वजह से बॉर्डर इलाके की कई सड़कें 5-6 माह तक रेत से अटी रहती हैं।
गडरारोड इलाके खानियानी से खड़ीन जाने वाली डामर सड़क है, लेकिन इन दिनों सिर्फ रेत ही नजर आ रही है, कहीं डामर नजर नहीं आ रहा है। ये आंधियों में रेत से अट गई है। खड़ीन, डबालिया, बाहाला, पाबूसरी सहित कई गांवों का संपर्क कट गया है। इन गांवों के लोगों को 30 किमी. घूम कर खलीफे की बावड़ी से होकर आना पड़ता है।
डामर सड़क पर रेत के कारण छोटे वाहन फंस जाते हैं, इसी वजह से ग्रामीणों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। बॉर्डर इलाके में ऐसी दर्जनों पक्की सड़कें हैं, लेकिन वे इन दिनों रेत से अटी हुई हैं। गर्मियों में बालू हवा में उड़ने के साथ ही स्थान बदलती है।