सानिया-बेथानी विम्बलडन के दूसरे राउंड में:भारत और अमेरिका की खिलाड़ियों की जोड़ी ने किया उलटफेर, विमेंस डबल्स में छठी सीड को हराया
भारत की सानिया मिर्जा और अमेरिका की उनकी जोड़ीदार बेथानी माटेक सैंड्स ने डेसिरे क्राउजिक और एलेक्सा गुआराची की छठी सीड जोड़ी को हराकर विम्बलडन टेनिस टूर्नामेंट में विमेंस डबल्स के दूसरे राउंड में जगह बनाई। सानिया और बेथानी ने पहले राउंड के में मुकाबले में अमेरिका और चिली की खिलाड़ियों की जोड़ी को एक घंटा और 27 मिनट में 7-5 6-3 से हराया।
बेथानी की सर्विस पर सात बार ड्यूस
सानिया और बेथानी की जोड़ी मैच की शुरुआत में ही दबाव में आती दिखी। तीसरे गेम में बेथानी की सर्विस पर सात बार ड्यूस हुआ। अमेरिकी खिलाड़ी ने तीन डबल फॉल्ट किए लेकिन तीन ब्रेक प्वाइंट बचाने के बाद अपनी सर्विस भी बचा ली। सानिया और बेथानी को विरोधी की सर्विस तोड़ने का मौका मिला जब अमेरिकी खिलाड़ी ने नेट पर वॉली पर अंक बनाने का मौका गंवा दिया।
अंकिता रैना भी खेल रही हैं
भारत की एक अन्य खिलाड़ी अंकिता रैना अमेरिका की अपनी जोड़ीदार लॉरेन डेविड के साथ उतर रही हैं। यह पहली बार होगा जब ग्रैंडस्लैम के मुख्य ड्रॉ में दो भारतीय महिला खिलाड़ी खेल रही हैं। अंकिता लगातार तीसरे ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट में खेल रही हैं। उन्होंने इसी साल आस्ट्रेलियाई ओपन के साथ ग्रैंडस्लैम में डेब्यू किया था। सानिया 2005 से ग्रैंडस्लैम खेल रही हैं।
शिखा ओबेरॉय 2004 में उतरी थीं
इससे पहले भारतीय-अमेरिकी शिखा ओबेरॉय ने 2004 में अमेरिकी ओपन के महिला एकल के लिए क्वालीफाई किया था और जापान की साओरी ओबाता के खिलाफ पहले दौर का मुकाबला जीता भी था लेकिन इसके बाद वीनस विलियम्स से हार गई। शिखा इसके बाद कभी ग्रैंडस्लैम के मुख्य ड्रॉ में जगह नहीं बना सकी। निरूपमा वैद्यनाथन 1998 में आस्ट्रेलियाई ओपन में जगह बनाने के बाद ग्रैंडस्लैम मुख्य ड्रॉ में खेलने वाली पहली महिला एकल खिलाड़ी बनी थी। निरूपमा मांकड़ 1971 में आनंद अमृतराज के साथ विंबलडन के मिश्रित युगल में खेली थी।