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अब कंपनी क्यूआर कोड से कराएगी मीटर रीडिंग,गलती की संभावना होगी कम

ग्वालियर । मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी सिटी सर्कल में मीटर रीडिंग की व्यवस्था बदलने जा रही है। क्यूआर कोड के माध्यम से रीडिंग का कार्य कराया जाएगा। इसके लिए मीटर पर स्टीकर लगाया जाएगा। मीटर रीडर हैंड हेल्ड डिवाइस से क्यूआर कोड स्कैन करेंगे, जिससे उपभोक्ता का पूरा डेटा मीटर रीडर के सामने होगा। इससे बिल जारी करने में जो गलतियां आ रही हैं, वह दूर होंगी। गलत बिलिंग की शिकायत कम रहेंगी। मीटर रीडर को कनेक्शन पहचानने में परेशानी नहीं होगी।

शहर में घरेलू व गैर घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या 2.60 लाख है। इनकी रीडिंग स्पाट बिलिंग के माध्यम से की जाती है, लेकिन मीटर रीडर बदल जाने से मीटर की पहचान करने में दिक्कत होती है। इससे गलत बिल जारी हो जाते हैं। कंपनी के देखने में आया है कि रीडर को उपभोक्ता को बुलाना होता है, कनेक्शन की पहचान के लिए पुराना बिल मांगना पड़ता है। इससे उपभोक्ताओं को काफी परेशानी होती थी। रीडरों को उपभोक्ताओं की नाराजगी का भी सामना करना पड़ता था। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए कंपनी क्यूआर कोड लागू किया जा रहा है। रीडर को कनेक्शन की सटीक जानकारी रहेगी। गलती की संभावना खत्म हो जाएगी। शहर में 15 से 20 फीसद उपभोक्ताओं को अपने बिल से शिकायत रहती है। बिजली कंपनी एनजीबी बिलिंग साफ्टवेयर पर इसे लागू कर रही है। वर्तमान में भोपाल व ग्वालियर में इस साफ्टवेयर पर काम होता है।

मल्टियों में सबसे ज्यादा समस्या

-मल्टियों में मीटर एक जगह एक साथ लगे रहते हैं। मल्टियों में उपभोक्ताओं को बुला भी नहीं सकते हैं। मल्टी में रहने वालों के यहां गलती की ज्यादा संभावना है। क्यूआर कोड से गलती की संभावना कम रहेगी।

– बिजली कंपनी मीटर रीडर को बदलती रहती है। नया रीडर आने में उसे मीटर की पहचान करने में दिक्कत रहती है।

– लोगों को बिल में अपना कनेक्शन नंबर देखने में दिक्कत आती है, मीटर की पर्ची में कनेक्शन नंबर भी आसानी से देख सकते हैं।

– मीटर रीडिंग ले जाने के बाद रीडर जोन पर सर्वर में फीड करता था, लेकिन क्यूआर कोड से स्वत: रीडिंग फीड हो जाएगी।

 

 

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