लॉकडाउन में 300 करोड़ का नुकसान, अब पटरी पर लौट रहा कपड़ा कारोबार
भोपाल। लॉकडाउन के कारण 300 करोड़ रुपये का घाटा उठा चुका कपड़ा कारोबार अनलॉक में धीरे-धीरे पटरी पर आ रहा है। जुलाई में कुछेक शादियों के मुहूर्त और रविवार को भी बाजार खुलने से पहले की तरह खरीदार बाजार में दिख रहे हैं। संत हिरदाराम नगर का थोक कपड़ा व्यवसाय सहित हर तरह का कपड़ा कारोबार 25 से 30 फीसद तक पहुंच गया है। थोक वस्त्र व्यवसाय संघ के अध्यक्ष कन्हैयालाल इसरानी ने बताया कि शादियों का सीजन मार्च, अप्रैल, मई में था। उस समय कपड़ों के कारोबार में इजाफा होता पर लॉकडाउन के कारण बाजार बंद रहे, इसलिए घाटा हुआ। अब जुलाई में शादियां हैं, जिससे बाजारों में फुटकर कपड़ा व्यवसायी सीहोर, होशंगाबाद, विदिशा, इटारसी सहित आसपास के इलाकों से आ रहे हैं। लेकिन अभी कपड़ा कारोबार को सामान्य होने में समय लगेगा। न्यू मार्केट व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष सतीश गंगराड़े बताते हैं कि न्यू मार्केट में रेडीमेड कपड़े लोग खरीदने आने लगे हैं पर दो साल से कोरोना के कारण अधिक लोग कपड़े नहीं खरीद रहे हैं। अनलॉक में उम्मीद है कि कपड़ा व्यवसाय बढ़ेगा, जिससे व्यवसायियों को राहत रहेगी।
अगस्त में कपड़ा कारोबार में 15 से 20 फीसद इजाफे की उम्मीद
22 अगस्त को रक्षाबंधन हैं, जिससे लोग नए कपड़े खरीदेंगे। इससे व्यापारियों को 15 से 20 फीसद तक कपड़ा कारोबार बढ़ने की उम्मीद है। वहीं दीपावली तक कपड़ों का करोबार सामान्य होने की उम्मीद जताई जा रही है। भेल व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष रामबाबू ने बताया कि शादियों के सीजन के समय लॉकडाउन रहने से हर तरह का व्यवसाय ठप रहा। अब अनलॉक में उम्मीदें बढ़ी हैं। यदि कोरोना संक्रमण नहीं बढ़ा तो ही आगामी दिनों में कपड़ा सहित अन्य व्यवसाय भी बढ़ेगा।
एक नजर में कपड़ा कारोबार
500 से अधिक कपड़ों की थोक व फुटकर दुकानें हैं शहर में।
24 बाजारों में पेंट, शर्ट, साड़ियां, सलवार-शूट, बच्चों के कपड़ों की दुकानें।
03 करोड़ रुपये का रोज कपड़े का कारोबार शहर में होता था।
08 से 10 करोड़ का व्यवसाय दीपावली व शादियों के सीजन में होता था।
300 करोड़ रुपये का लॉकडाउन में घाटा हुआ।
25 फीसद तक ही कपड़ों का कारोबार अनलॉक में अभी तक हुआ।