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मसूरी में जिंसी जलस्रोत को नुकसान की संभावना से जल संस्थान चिंतित

मसूरी को प्रतिदिन 2.50 एमएलडी पानी देने वाले जिंसी पेयजल स्रोत को निर्माणाधीन कैम्पटी-थत्यूड़ सड़क मार्ग से नुकसान होने की संभावना है। यह मानना है जल संस्थान का। इस पर चिंता जताते हुए संस्थान ने सड़क निर्माण एजेंसी लोनिवि थत्यूड़ डिवीजन को पत्र भेजा है।

मसूरी का उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र टिहरी जिले के जौनपुर विकासखंड से सटा हुआ है और मसूरी को पानी देने वाला जिंसी जलस्रोत भिलाड़ू जलस्रोत के नीचे है, जो जौनपुर क्षेत्र के छैजुला पट्टी के अंतर्गत आता है। क्षेत्रवासियों की मांग पर कैम्पटी से जिंसी होते हुए नए मोटर मार्ग का निर्माण लोनिवि थत्यूड़ डिवीजन की ओर से करवाया जा रहा है। जिसका इन दिनों कटिंग कार्य चल रहा है और कटिंग से निकला मलबा, पत्थर आदि सड़क से बाहर या खाई में फेंका जा रहा है। जिंसी जलस्रोत से अभी लगभग 100 मीटर की दूरी पर कटिंग कार्य चल रहा है। जल संस्थान मसूरी का कहना है कि मलबे को अगर जलस्रोत के समीप गदेरे में फेंका गया तो जलस्रोत क्षतिग्रस्त हो सकता है, या सूख सकता है

जल संस्थान मसूरी के अधिशासी अभियंता केसी पैन्यूली ने कहा है कि हमने अपनी आशंका व्यक्त करते हुए लोनिवि थत्यूड़ के अधिशासी अभियंता को पत्र भेजा है। जिसमें जल संस्थान व लोनिवि थत्यूड़ के संयुक्त नेतृत्व में जलस्रोत का निरीक्षण करने व अगर संभव हो तो सड़क अलाइनमेंट बदलने का आग्रह किया है। वहीं लोनिवि थत्यूड़ डिवीजन के अधिशासी अभियंता रजनीश कुमार सैनी का कहना है कि जिंसी जलस्रोत के समीप एक गदेरा है, जिसके ऊपर लोनिवि द्वारा पुलिया निर्माण का आश्वासन दिया गया है। मलबे व पत्थरों को गदेरे में नहीं फेंका जाएगा और जलस्रोत को नुकसान से बचाने के हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।

रजनीश कुमार सैनी ने भी जल संस्थान के अधिकारियों के साथ संयुक्त निरीक्षण करने का आश्वासन दिया है। उनका यह भी कहना है कि सड़क निर्माण के लिए वन विभाग की ओर से एनओसी जारी किए जाने के बाद सर्वे किया गया। अलाइनमेंट में अब परिवर्तन संभव नहीं है।

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