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मानसून का पहला दौर:उदयपुर की झीलेेंं भरी, लेकिन इन्हें भरने वाले तालाब रीते, संभाग के 22 प्रमुख बांधों में से 8 सूखे

एक हफ्ते पहले दस्तक के एक पखवाड़े बाद भी मानसून मेवाड़ को तरसा रहा है। प्रतापगढ़ और चित्तौड़गढ़ को छोड़कर संभाग के हर जिले में 4 जुलाई तक के पहले दौर में औसत से भी कम पानी बरसा है। सुखद तस्वीर यह है कि उदयपुर शहर की पीछोला और फतहसागर झील भरी है, लेकिन चिंता यह कि इन्हें भरा रखने वाले बांध-तालाब मानसून का पहला दौर बीतने तक खाली हैं। संभाग में जल संसाधन विभाग के अधीन 30 प्रमुख जलाशयों में से अधिकांश या तो खाली हैं या इनमें नाम मात्र का पानी बचा है।

इनमें वे बांध भी हैं, जिनसे सिंचाई के साथ ही साल भर पेयजल सप्लाई होती है। उदयपुर जोन में विभाग के पास 264 बांध हैं। इनमें कुल भराव क्षमता 1 लाख 62 हजार 634 एमसीएफटी के मुकाबले 53037 एमसीएफटी यानी 33% पानी ही है। इनमें 59 जलाशय भीलवाड़ा जिले के भी हैं। छह बड़े बांधों में क्षमता के मुकाबले 42%, 22 मध्यम श्रेणी बांधों में 8% और 191 छोटे बांध-तालाबों मेंं 16% पानी ही है। अभी फतहसागर में 69% और पीछोला में 76% पानी है।

शहर की झीलें भरी हैं, लेकिन कैचमेंट के अधिकांश बांध खाली हैं। उदयपुर की झीलें हर साल खाली हो रही हैं। ऐसे में इन्हें भरने वाले बांध भी हर साल बारिश में भरने जरूरी हैं। कैचमेंट के खाली बांध चिंता का विषय तो हैं। हालांकि उम्मीदें बनी हुई हैं, क्योंकि मानसून का बड़ा दौर बाकी है।

-भुवनेश्वर माथुर, रिटायर्ड एईएन, जलसंसाधन विभाग

8 जुलाई बाद दूसरा दौर संभव

मौसम विभाग के अनुसार 8 जुलाई के बाद उदयपुर में मानसून का दूसरा दौर शुरू हो सकता है। इससे पहले संभाग में तेज बारिश की संभावना कम है। मौसम विशेषज्ञ प्रो. नरपतसिंह राठौड़ के अनुसार उदयपुर सहित मेवाड़ में मानसून का पहला दौर कमजोर रहा। अधिकांश बार खंड वृष्टि के कारण ऐसी स्थिति नहीं बन पाई कि झीलों में तेजी से पानी की आवक हो सके।

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