फतहसागर-पीछोला से बाहर होंगी यूरो-4 इंजन की बोट:पॉल्यूशन और ज्यादा आवाज करने वाली फतहसागर से 21 और पीछोला से 18 नावें नहीं दौड़ेगी झीलों पर, प्री-वेडिंग फोटोशूट पर भी रोक

अब फतह सागर और पीछोला झील में यूरो-6 इंजन वाली नावाें का ही संचालन होगा। प्रादेशिक परिवहन विभाग के इस आदेश के बाद फतहसागर से यूरो-4 इंजन वाली 21 और पीछोला से 18 नावें बाहर हो जाएंगी। इनका संचालन यूरो-6 इंजन लगाने पर ही हो सकेगा। अब नावों पर किसी भी स्थिति में प्री-वेडिंग फोटोग्राफी नहीं की जा सकेगी।
प्रकाश सिंह राठौड़ ने बताया कि पीछोला में संचालित 78 में से 60 नाव यूरो-6 इंजन वाली हैं। नगर निगम की 18 नावें यूरो-4 इंजन की हैं, जिन्हें बाहर करेंगे। फतहसागर में चल रही 28 नावों में से 21 यूरो-4 इंजन की हैं, जबकि 7 यूरो-6 वाली हैं। आरटीओ राठौड़ का कहना है कि झीलों को लेकर हाईकोर्ट सख्त है। आदेश का पालन नहीं करने वाले संचालकों पर सख्त कार्रवाई होगी। यूरो-4 इंजन वाली नावों से ज्यादा प्रदूषण फैलता है। इस प्रदूषण से झीलों में रहने वाले जलीय जीवों को भी हानि पहुंचती और वातावरण भी दूषित होता है।
यूरो-6 : आवाज कम, प्रदूषण भी कम
राजस्थान बोटिंग एक्ट-1956 को लेकर आरटीओ राठौड़ की अध्यक्षता में बैठक हुई। नावों के लाइसेंस, फिटनेस और यात्रियों की सुरक्षा गाइड लाइन पर जोर दिया। आरटीओ ने बताया कि ईको फ्रेंडली टूरिज्म के लिए यूरो-6 इंजन अनिवार्य कर रहे हैं। सुरक्षा मानक भी लागू करेंगे। जलाशयों में नौका संचालन एवं विभागीय अधिकारी के साथ मॉक ड्रिल भी कराई जाएगी। झीलों में सुरक्षित नौका संचालन एवं यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की जाएगी। जिसमें नेवेल विशेषज्ञ/परिवहन विभाग के अधिकारी और नौका संचालक सदस्य शामिल होंगे।