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अब शुरू होगी मानसून की झड़ी:छत्तीसगढ़ में एक जून से अब तक 345 मिमी बरसात; सामान्य से 16 प्रतिशत अधिक पानी, अब लगातार मध्यम वर्षा के संकेत

छत्तीसगढ़ में समय से पहले आया मानसून अब तक मेहरबान रहा है। एक जून से अभी तक 345 मिलीमीटर बरसात हो चुकी है। यह सामान्य से 16 प्रतिशत अधिक है। मौसम विभाग ने आज कुछ स्थानों पर भारी वर्षा और वज्रपात की आशंका जताई है। कल से कई स्थानों पर लगातार वर्षा की झड़ी लगने के संकेत मिल रहे हैं।

रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया, एक पूर्व-पश्चिम शियर जोन 20 डिग्री उत्तर में 3.1 किलोमीटर से 5.8 किलोमीटर तक विस्तारित है। एक द्रोणिका दक्षिण पंजाब से उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक दक्षिण हरियाणा, दक्षिण उत्तर प्रदेश, झारखंड और उत्तर उड़ीसा होते हुए 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। चक्रीय चक्रवाती घेरा उत्तर-पश्चिम झारखंड और उसके आसपास 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। इसके प्रभाव से आज प्रदेश के अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।

प्रदेश में गरज चमक के साथ एक-दो स्थानों पर वज्रपात होने तथा भारी वर्षा होने की संभावना है। मौसम पूर्वानुमानों के मुताबिक 11, 12 और 13 जुलाई को भी प्रदेश के कुछ स्थानों पर भारी बरसात और वज्रपात की मध्यम स्तर की चेतावनी जारी हुई है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि 11 अगस्त से प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर रुक-रुककर हल्की से मध्यम वर्षा होते रहने की संभावना बन रही है। इससे हवा में नमी बढ़ी रहेगी। छत्तीसगढ़ में मानसून का आगमन सामान्य तौर पर 16 जून माना जाता है, लेकिन इस साल इसकी शुरुआत 9-10 जून की रात से हुई है। उसके पहले से ही यहां मानसून पूर्व बरसात होने लगी थी।

तेज अंधड़ की भी आशंका
मौसम विभाग ने प्रदेश के कई इलाकों में गरज-चमक के साथ अंधड़ चलने की आशंका जताई है। इस दौरान आकाशीय बिजली गिरने की भी आशंका जताई जा रही है। पिछले दिनों इसी तरह की घटनाओं में चार बच्चों और कई मवेशियों की जान जा चुकी है। कुछ इलाकों में आंधी से पेड़ों, बिजली के खंभों और कच्चे मकानों को नुकसान की भी सूचना है।

अब तक तीन जिलों में बरसात का रिकॉर्ड टूटा
मौसम विभाग के आंकडों के मुताबिक एक जून से 9 जुलाई तक प्रदेश के तीन जिलों में औसत से बहुत अधिक बरसात हुई है। सुकमा जिले में इस सवा महीने में बरसात का सामान्य औसत 271 मिमी है। इस बार 659 मिमी बरसात हो चुकी है। यह 143 प्रतिशत अधिक है। बेमेतरा में सामान्य बरसात 273 मिमी है, लेकिन वहां 464 मिमी पानी बरस चुका है। बलौदा बाजार में 68 प्रतिशत अधिक बरसात हुई है। वहां 250 मिमी औसत बरसात की जगह अब तक 421 मिमी बरसात हो चुकी है। रायपुर जिले में भी 331 मिमी बरसात हो चुकी है।

बस्तर के दो जिले ही अब तक सूखे
मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अब तक बरसात में बस्तर के दो जिले सर्वाधिक सूखे रहे गए हैं। यहां 20 प्रतिशत से कम बरसात हुई है। इसलिए यहां कम वर्षा वाले क्षेत्र में गिना जा रहा है। दंतेवाड़ा जिले में सामान्य तौर पर 9 जुलाई तक 316 मिमी बरसात हो जाना चाहिए था, लेकिन वहां केवल 218 मिमी पानी बरसा है। वहीं बस्तर जिले में 340 मिमी की सामान्य स्थिति की तुलना में केवल 266 मिमी बरसात हुई है। सरगुजा, राजनांदगांव, रायगढ़, मुंगेली, कांकेर और जशपुर में भी औसत से कम बरसात हुई है, लेकिन इसे सामान्य माना जा रहा है।

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