क्लीन एनर्जी में भोपाल फर्स्ट, क्योंकि:सोलर एनर्जी से हर महीने 58 लाख रु. की बिजली की बचत

तस्वीर बड़े तालाब पर लगे 500 किलोवॉट के सोलर प्लांट की है। इस प्लांट से नगर निगम के पंप हाउस को बिजली सप्लाई की जाती है। शहर में अन्य जगह भी सोलर ऊर्जा का उपयोग किया जा रहा है। इसी के चलते देश की 100 स्मार्ट सिटी में से भोपाल को क्लीन एनर्जी श्रेणी में पहला पुरस्कार मिला है। सोलर एनर्जी से हर महीने शहर में करीब 58 लाख रुपए की बिजली की बचत हो रही है। शहर के सरकारी और निजी भवनों लगे साेलर पैनल से हर महीने सवा सात लाख यूनिट जनरेट हो रही है।
3 किलोवाट से हर महीने 400 यूनिट बिजली
अगर काेई 3 किलोवाट क्षमता के साेलर पैनल लगवाता है तो 3 साल में उसकी राशि वसूल हो जाती है। इसमें छूट मिलने के बाद करीब 80 हजार का खर्च आता है। तीन किलोवाट से हर महीने 400 यूनिट तक बिजली जनरेट होती है।
तीन साल में राशि हो जाती है वसूल
अगर किसी घर में महीने का 300 बिजली बिल आ रहा है ताे सोलर एनर्जी पर जाने के बाद उसकी राशि तीन साल में वसूल हो जाती है। इसके बाद उसे बिजली मुफ्त पड़ती है। -भुवनेश पटेल, चीफ इंजीनियर, ऊर्जा विकास निगम