प्रदेश की सियासत:राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार से पहले राजनीतिक नियुक्तियों की तैयारी, जिलाध्यक्षों के लिए लॉबिंग तेज

राजस्थान कांग्रेस में मंत्रिमंडल विस्तार से पहले जिला संगठन और राजनीतिक नियुक्तियां करने की तैयारी की जा चुकी है। संगठनात्मक नियुक्तियाें के लिए प्रदेश स्तर पर नामों का पैनल तैयार किया जा चुका है। अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के स्तर पर चर्चा के बाद इसे जल्द ही एआईसीसी भेजा जाएगा। सूत्रों के मुताबिक जिलाध्यक्षों के लिए पार्टी में जबरदस्त लॉबिंग की रही है। यहां तक की कई विधायक भी इस दौड़ में शामिल हैं।
इसके पीछे की बड़ी वजह आने वाले चुनावाें में टिकट दावेदारी पुख्ता करना है। इसलिए जिलाध्यक्षाें की दौड़ में वही विधायक शामिल हैं जो पहली बार जीतकर आए हैं। जयपुर शहर के लिए विधायक रफीक खान और ग्रामीण के लिए विधायक गोपाल मीणा का नाम भी चर्चाओं है। हालांकि शहर के कई प्रभावशाली विधायक अपने समर्थकों को अध्यक्ष बनाने के लिए दिल्ली तक लॉबिंग कर रहे हैं।
जयपुर में दो जिलाध्यक्षों के लिए फिलहाल ना
संगठन में नियुक्तियों को लेकर पार्टी में जिलों की संख्या बढ़ाने को लेकर भी चर्चा जोरों पर है। जयपुर में भी शहर और ग्रामीण सीट बनाए जाने को लेकर काफी जोर आजमाइश चल रही थी, लेकिन सूत्रों के मुताबिक इस बार दो जिलाध्यक्षों के प्रस्ताव पर फिलहाल पार्टी में विचार नहीं हो रहा।
इसी महीने राजनीतिक नियुक्तियाें को हरी झंडी
प्रदेश स्तर पर अभी ज्यादातर बोर्ड और आयोगों में राजनीतिक नियुक्तियों के लिए पद खाली पड़े हैं। इन्हें भरने के लिए पिछले दिनों प्रदेश प्रभारी अजय माकन और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के स्तर पर भी चर्चा हो चुकी है। हालांकि राज्य सरकार एक-एक कर कई आयोगों में राजनीतिक नियुक्तियां कर चुकी लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में बोर्ड-आयोग खाली पड़े हैं।
सूत्राें का कहना है कि विधायकों को इनमें एडजेस्ट करने में ऑफिस ऑफ प्रोफिट के तहत कानूनी अड़चन आ रही है इसलिए पूर्व विधायकों को इनमें एडजेस्ट किया जा सकता है।