प्रायवेट स्कूलों की हड़ताल आज:जिलेभर में प्रायवेट स्कूलों में ऑनलाइन क्लास, ऑफिस कार्य बंद, दोपहर 2 बजे स्कूल संचालकों की बैठक
कोरोनाकाल में ट्यूशन फीस ही वसूलने और स्कूल नहीं खोलने के सरकार के फैसले के विरोध में 12 जुलाई सोमवार को प्राइवेट स्कूलों में हड़ताल है। होशंगाबाद सहित प्रदेश के अधिकांश जिलों में हड़ताल जारी है। हड़ताल के दौरान आज जिलेभर में ऑनलाइन क्लासेस व ऑफिस कार्य पूरी तरह बंद रहे। दोपहहर 2 बजे सभी स्कूल संचालकों की बैठक टैगोर मॉडल स्कूल में होगी। 4 बजे मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे। 13 जुलाई मंगलवार को रोजाना की तरह ऑनलाइन क्लासेस लगाकर विद्यार्थियों की पढ़ाई कराई जाएगी।
सोसाइटी फॉर प्राइवेट स्कूल डायरेक्टर्स के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. आशीष चटर्जी ने बताया निजी स्कूलों के सभी संगठनों ने हड़ताल में शामिल है। प्रदेश में करीब 90 फीसदी स्कूलों का हड़ताल को समर्थन मिला है। होशंगाबाद में भी अधिकांश स्कूलों में ऑनलाइन क्लास व ऑफिस कार्य बंद है। 2 बजे संगठन की बैठक होगी। जिसमें आगे की रूपरेखा तैयार होगी। साथ ही ज्ञापन भी सौंपा जाएगा। मुख्यमंत्री के निजी स्कूलों के प्रति दिए बयान के विरोध में व मांगों को लेकर सांकेतिक हड़ताल की हो रही है। 13 जुलाई से पूर्वानुसार क्लासेस लगेंगी। ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो।
जिले की 670 से ज्यादा स्कूल हड़ताल में शामिल
संगठन के जिला अध्यक्ष राजेश दुबे ने जिले में 670 के लगभग निजी स्कूलें है। समेरिटंस सीनियर सेकंडरी, शांतिनिकेतन स्कूल, स्प्रिंगडेल्स सीनियर सेकेण्डरी स्कूल, सरवाइट स्कूल, नर्मदावेली, कैम्पियन स्कूल, वर्धमान पब्लिक स्कूल, सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल, एमजीएम स्कूल, एकलव्य सहित आईसीएससी, एमपी बोर्ड और सीबीएसई की सभी निजी स्कूलों में ऑनलाइन क्लासें बंद है।
निजी स्कूल संचालकों की यह हैं मांगे
- -सभी निजी स्कूलों के लिए आर्थिक पैकेज घोषित किए जाये। जिसे लोन लेने वाले स्कूल दिवालिया होने से बच सकें।
- -सभी शिक्षण संस्थानों के बिजली बिल माफ किए जाए।
- -शिक्षण संस्थानों के संपत्ति कर, स्कूली वाहनों के रोड टैक्स एवं परमिट शुक्ल वर्ष 2020-2021, 2021-2022 के माफ हो।
- -केंद्र सरकार द्वारा पूर्व में जारी दिशा निर्देंशों के अनुसार 1 से 12वीं की कक्षाएं शुरू की जाएं।
- -आरटीई के तहत प्रवेशित विद्यार्थियों की बकाया क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान हो।
- -कोरोना की तीसरी लहर की सिर्फ संभावना के आधार पर स्कूल बंद करने का निर्णय तत्काल वापस लें।
- -माध्यमिक शिक्षा मंडल से संबद्धता प्राप्त स्कूलों की मान्यता का नवीनीकरण 5 वर्ष के लिए कर दिया जाए।
- -अभिभावक नियमित फीस न दे तो विलंब शुल्क देने के लिए बाध्य किया जाए।
- -मप्र शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया था कि बिना टीसी कोई विद्यालय प्रवेश न दें, पर कई विद्यालय ऐसा नहीं कर रहे हैं। उन पर कार्रवाई की जाए।
- शिक्षण शुल्क न देने वाले बच्चों को अगली कक्षा में प्रमोट न किया जाए।