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उत्तराखंड: रोडवेज कर्मचारियों की परिवहन निगम से वार्ता विफल, हड़ताल पर अड़े कर्मचारी

उत्तराखंड परिवहन निगम के साथ रोडवेज कर्मचारियों की वार्ता मंगलवार को विफल रही। कर्मचारी संगठनों ने कहा जब तक बोर्ड बैठक में आधा वेतन कटौती सहित कर्मचारी विरोधी फैसलों को वापस नहीं लिया जाएगा तब तक वह हड़ताल से पीछे नहीं हटेंगे।

कर्मचारी परिषद् 14 जुलाई मध्यरात्रि से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करने जा रहा है। वहीं, संयुक्त मोर्चा 15 जुलाई की मध्य रात्रि से 24 घंटे के अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर रहेगा। अब कर्मचारी संगठनों को शासन से वार्ता का इंतजार है।

वहीं, परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने कहा, हड़ताल से समस्या का समाधान नहीं होगा। हमने सभी कर्मचारी संगठनों से कहा है कि वह एक साथ हो जाएं। अभी बस संचालन शुरू हुआ है। तीन महीने में 50 करोड़ का  नुकसान हुआ है। पिछले साल 161 करोड़ का नुकसान हुआ था। कर्मचारी नेता हड़ताल के बजाय परिवहन निगम को आगे बढ़ने के बारे में सोचें।

बता दें कि चार यूनियनों ने विरोध में उत्तराखंड परिवहन निगम संयुक्त मोर्चा का गठन कर आंदोलन का बिगुल फूंक दिया। उन्होंने 15 जुलाई की मध्य रात्रि से 16 जुलाई तक 24 घंटे के कार्य बहिष्कार और इसके बाद 16 जुलाई को बैठक कर अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है।

महासंघ ने चलाया पोस्टर लगाने का अभियान
उत्तराखंड परिवहन निगम संयुक्त मोर्चा ने सोमवार को कार्य बहिष्कार के पोस्टर लगाने का अभियान चलाया। इसके तहत हड़ताल के समर्थन में बसों, बस अड्डों पर पोस्टर लगाए गए। मोर्चा के संयोजक अशोक चौधरी का कहना है कि निगम बोर्ड के कर्मचारी विरोधी फैसलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हड़ताल होकर रहेगी।
मंत्री हरक और यतीश्वरानंद ने की हड़ताल न करने की अपील
रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और यतीश्वरानंद से भेंट की। उन्होंने निगम कर्मचारियों के साथ हो रहे भेदभाव के बारे में मंत्रियों को बताया। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां सरकार गेस्ट टीचरों का वेतन बढ़ाने, उपनल कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने का निर्णय ले रही है, तो उसके उलट परिवहन निगम में कर्मचारियों को आधा वेतन और ऋण सहकारी समिति की कर्मचारियों से पैसे की कटौती न करने का फैसला लिया है। उन्होंने दोनों मंत्रियों के सामने अपने मांगें रखी, जिस पर मंत्रियों ने उनसे हड़ताल न करने की अपील करते हुए मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया।

रोडवेज कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने सोमवार को गांधी रोड स्थित मंडलीय प्रबंधक कार्यालय में प्रदर्शन किया। उन्होंने निगम बोर्ड के कर्मचारी विरोधी आदेशों को वापस न लेने, चार माह का वेतन जारी न करने, 15 से 20 साल से विशेष श्रेणी, संविदा के रूप में काम कर रहे कर्मचारियों के नियमितिकरण न करने और समान काम समान वेतन का भुगतान न करने पर विरोध जताया। उन्होंने चेतावनी दी कि 14 जुलाई की रात से वह कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इस मौके पर क्षेत्रीय मंत्री राकेश पेटवाल व अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।

बस संचालन पर अटकीं निगम की सांसें
परिवहन निगम में इस समय जितनी भी कर्मचारी यूनियनें हैं, उन सभी ने हड़ताल का एलान कर दिया है। अभी तक किसी एक यूनियन के कर्मचारी बसें चलाते थे और दूसरी यूनियन हड़ताल करती थी लेकिन इस बार सभी यूनियनों के एकजुट होने की वजह से निगम की सांसें अटक गई हैं। हाल ही में निगम ने यूपी व अन्य राज्यों के लिए बस सेवा बहाल की है। निगम को कमाई की उम्मीदें भी बढ़ी हैं लेकिन अचानक कर्मचारियों की हड़ताल से बस सेवा प्रभावित होने का खतरा पैदा हो गया है। लिहाजा, निगम कोई बीच का रास्ता तलाश करने में जुट गया है।

इंप्लाइज यूनियन का प्रतिनिधिमंडल मंत्री से मिला
उत्तराखंड रोडवेज इंप्लाइज यूनियन का प्रतिनिधिमंडल प्रदेश महामंत्री रवि नंदन कुमार, प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र सिंह भगत के नेतृत्व में कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद से मिला। उन्होंने परिवहन निगम में विद्यमान कर्मचारियों की समस्याओं से भी मंत्री को अवगत कराया। प्रमुखता से यूनियन ने मांग की गई है कि निगम बोर्ड की बैठक में कर्मचारी विरोधी प्रस्ताव पारित किए गए हैं। जिसमें कर्मचारियों के आधे वेतन एवं ऋण समितियों की कटौतियों को कम करना है शामिल हैं। उन्होंने प्रस्तावों को निरस्त करने की मांग की।

 

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