पलटन बाजार के कारोबार पर जीएसटी अफसरों की नजर, नगर निगम से मांगी गई व्यापारिक प्रतिष्ठानों की सूची
देहरादून। इसमें कोई शक नहीं है कि कोरोना की पहली व दूसरी लहर में कारोबारी गतिविधियां काफी हद तक प्रभावित रही हैं। इससे राज्य का जीएसटी संग्रह भी प्रभावित हुआ है। हालांकि, कोरोना की पहली लहर की अपेक्षा दूसरी लहर में कारोबारी गतिविधियों को अधिक ढील दी गई, मगर इसके अनुरूप जीएसटी संग्रह (एसजीएसटी) नहीं बढ़ पाया। लिहाजा, अब स्टेट जीएसटी के अधिकारी जीएसटी संग्रह बढ़ाने के लिए हर स्तर पर हाथ-पांव मारते दिख रहे हैं। इसकी शुरुआत दून के सबसे बड़े बाजार में से एक पलटन बाजार से की जा रही है। जीएसटी अधिकारियों ने पलटन बाजार के व्यापारिक प्रतिष्ठानों की कुंडली बांचने की तैयारी शुरू कर दी है। इसको लेकर नगर निगम से व्यापारिक प्रतिष्ठानों की सूची मांगी गई है।
उच्चाधिकारियों के निर्देश पर स्टेट जीएसटी के सहायक आयुक्त खंड-5 (देहरादून) की ओर से नगर आयुक्त को पत्र भेजा गया है। पत्र में कहा गया है कि राजस्व के हित में पलटन बाजार के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों की जानकारी होना आवश्यक है। लिहाजा, नगर निगम कार्यालय में पंजीकृत प्रतिष्ठानों की सूची उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है। वैसे तो यहां के तमाम कारोबारी जीएसटी में पंजीकृत हैं, मगर अधिकारियों का मानना है कि यहां होने वाले कारोबार के मुताबिक संख्या कम दिख रही है। सूत्रों की मानें तो पलटन बाजार क्षेत्र के व्यापारिक प्रतिष्ठानों में ग्राहकों की सर्वाधिक भीड़ रहती है और कोरोनाकाल में भी इसमें खास अंतर नहीं देखा गया। अधिकारियों के मुताबिक नगर निगम से प्राप्त सूची के मुताबिक देखा जाएगा कि कितने कारोबारी जीएसटी में पंजीकृत नहीं हैं या प्रतिष्ठान की क्षमता के मुताबिक कर अदा नहीं कर रहे।
पलटन बाजार में कार्रवाई सफल रही तो बढ़ेगा दायरा
स्टेट जीएसटी (राज्य कर) के सूत्रों के मुताबिक यदि पलटन बाजार से प्राप्त सूचना से फायदा होता दिखा तो इसी तर्ज पर देहरादून व अन्य जिलों के प्रमुख बाजार के व्यापारिक प्रतिष्ठानों की कुंडली बांची जाएगी