महंगाई पर केंद्र की घेराबंदी:पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने पेट्रोल-डीजल में महंगाई को बताया राजनीतिक, संसद के मानसून सत्र में कांग्रेस का मुख्य मुद्दा होगा
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता सुबोध कांत सहाय ने पेट्रोल-डीजल में हो रही मूल्य वृद्धि को राजनीतिक महंगाई बताया है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से खाद्य वस्तुओं और उपभोक्ता उत्पादों के भी दाम बढ़ गए हैं। आज दिल्ली सहित 200 से अधिक शहरों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपए प्रति लीटर से अधिक हो गई है। डीजल की कीमतें भी 90 रुपए से अधिक हैं। जनवरी से 7 जुलाई तक मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमत 69 बार बढ़ा चुकी है। संसद के मानसून सत्र में यह कांग्रेस का मुख्य मुद्दा होगा। अगर वहां बात नहीं बनी तो कांग्रेस जनता की जान बचाने के लिए सड़क पर उतरेगी। पूर्व केंद्रीय मंत्री मंगलवार को रायपुर में मीडिया से बता कर रहे थे।
कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में सुबोध कांत सहाय ने कहा कि मार्च 2019 में संसद और आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में चुनाव का कार्यक्रम जारी हुआ। उस समय पेट्रोल की कीमत 72.46 रुपए और डीजल के दाम 67.44 रुपए थे। उस समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के औसत दाम 4,565.20 रुपए था। मई 2019 में चुनाव का परिणाम आया तब तक अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत 4881.53 रुपए हो चुकी थी लेकिन पेट्रोल के दाम पहले से घटकर 71.25 रुपए और डीजल के 66.29 रुपए पर आ गए थे। चुनाव परिणाम आने के बाद एक महीने के भीतर दाम फिर बढ़ गए।
इसी तरह फरवरी 2021 में जब पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू, पुडुचेरी, केरल और असम के चुनाव घोषित हुए तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल का दाम 3 हजार 979 रुपए प्रति बैरल था। देश में पेट्रोल 91.17 रुपया और डीजल 81.47 रुपए प्रति लीटर पर उपलब्ध था। 2 मई काे चुनाव के नतीजे आए। उस दिन क्रूड ऑयल के दाम 4 हजार 699.33 रुपए थे, लेकिन यहां पेट्रोल का दाम घटकर 90.40 रुपए और डीजल का दाम 80.73 रुपए हो चुके थे। इसके एक पखवाड़े बाद यानी 18 मई को पेट्रोल की कीमत 92.85 रुपए और डीजल के दाम 83.51 हो गए थे। सहाय ने कहा, अगर यह बाजार की ताकतों पर निर्भर होता तो क्रूड ऑयल मंहगा होने के बाद भी चुनाव के दौरान दाम कम कैसे हो जाते। यह राजनीतिक महंगाई है, जो केंद्र सरकार की इच्छा पर बढ़-घट रही है।
कोई विकल्प नहीं, कांग्रेस लड़ेगी लड़ाई
सुबोध कांत सहाय ने कहा, अब देश में कोई विकल्प नहीं है। कांग्रेस जनता की लड़ाई लड़ेगी। संसद के मानसून सत्र में हम मुद्दे को पूरी ताकत के साथ उठाएंगे। अगर सरकार ने राहत नहीं दी तो फिर सड़क की लड़ाई शुरू होगी। हम जनता को ऐसे ही मरने के लिए नहीं छोड़ सकते।
कहा- यह मोदी का देश नहीं, गांधी का देश है
कांग्रेस नेता सुबोध कांत सहाय ने कहा, केंद्र की भाजपा सरकार ने लोकतंत्र की परिभाषा को ही बदल दिया है। जनता को महंगाई की आग में झोंककर अंतिम पंक्ति में खड़े आदमी को मोदी सरकार नोच रही है। उन्होंने कहा, देश जल्दी ही यह बता देगा कि यह मोदी का देश नहीं, गांधी का देश है।