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जेएलएन मेडिकल काॅलेज:देश के टाॅप 12 मेडिकल काॅलेजाें में अजमेर के जेएलएन मेडिकल काॅलेज का भी चयन

अजमेर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल काॅलेज का चयन केन्द्र सरकार की एनएबीएच याेजना यानी एकरीडेशन बाेर्ड फाॅर हाॅस्पिटल एंड हेल्थ केयर प्राेवाइडर के लिए हुआ है। एनएबीएच चिकित्सालयाें काे मिलने वाला दुनिया का सबसे बड़ा प्रमाण पत्र है। यह प्रमाण पत्र देश के चुनिंदा अस्पतालाें काे ही मिला हुआ है।

इस याेजना में देश के 12 मेडिकल काॅलेजाें का चयन किया गया है, जिनमें प्रदेश में केवल अजमेर का जेएलएन मेडिकल काॅलेज है। अस्पतालाें में मरीजाें काे मिलने वाली सुविधा, उपचार, चिकित्सकाें, नर्सिंग का बर्ताव, मरीज की संतुष्टि सहित विभिन्न बिंदुओं का अध्ययन कर केंद्र की टीम अस्पताल का चयन करती है।

काेविड की पहली व दूसरी लहर में जेएलएन मेडिकल काॅलेज की टीम ने जिस प्रकार मरीजाें का उपचार करने के साथ ही उन्हें नया जीवन दिया, उसी काे देखते हुए केन्द्र ने प्रदेश में केवल अजमेर मेडिकल काॅलेज का चयन इस याेजना के लिए किया है।

बेहतर उपचार के लिए विशेष कार्य योजना
केन्द्र सरकार के वाणिज्य व उद्याेग मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद, स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से देश में स्वास्थ्य सेवाएं मरीजाें काे बेहतर मिले इसके लिए विशेष कार्य याेजना तैयार की गई है। गुणवत्तापूर्ण सुधार व क्षमता निर्माण व हैंडहाेल्डिंग सपाेर्ट के लिए परियाेजना के लिए पहल की गई है। परियाेजना के तहत एशियाई उत्पादकता संगठन जापान की ओर से वित्त पाेषण सहायता प्रदान की गई है। परियाेजना गुणवत्ता प्रबंधन प्रणालियाें में व्यापक अनुभव रखने वाली सेवा प्रदाता एजेंसी वाले 12 मेडिकल काॅलेज में लागू की जाएगी।

प्रदेश में अजमेर केंद्र में, यहां विस्तार की गुंजाइश : केंद्र काे अजमेर इसीलिए भी पसंद आया क्याेंकि यहां आने वाले सालाें में चिकित्सा महकमे में विस्तार की गुजाइंश काफी है। अजमेर प्रदेश के केंद्र में है। यहां हाइवे, एयरपाेर्ट, ट्रेन सहित ट्रांसपाेर्ट की सभी सुविधाएं हैं। हर व्यक्ति किसी भी शहर में जाए अजमेर से हाेकर ही निकलेगा। आने वाले दिनाें में अजमेर में नया मेडिकल काॅलेज बनने जा रहा है। यहां नई इमारतें बन रही हैं। काेविड में यहां की टीम ने बेहतर कार्य किया इसी कारण यहां की व्यवस्थाएं अन्याें से कई गुणा बेहतर है।

तीन चरणाें में हाेगी जांच
केंद्र की टीम ने मंगलवार काे जेएलएन अस्पताल में चिकित्सकाें के साथ कार्यशाला का अायाेजन किया। कार्यशाला में चिकित्सकाें काे इसके बारे में बताने के साथ ही उनसे फीडबैक लिया गया। यहां यह टीम तीन दिन रहकर प्रशिक्षण देगी। अगले चरण में ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा। तीन चरणाें में कार्य हाेने के बाद केंद्र की टीम यहां आकर निरीक्षण करेगी उसके बाद प्रमाण पत्र मिलेगा।

  • मेडिकल काॅलेज प्रिंसिपल डाॅ. वीबी सिंह ने बताया कि एनएबीएच चिकित्सा महकमे का सबसे बड़ा मानक है।
  • अस्पताल में मरीज अाने के बाद दस्तावेज तैयार करना, उपचार करना, आपातकालीन यूनिट में मरीज के भर्ती से लेेकर उपचार तक की स्थिति देखना।
  • आईसीयू, प्रयाेगशाला की स्थिति, जांचाें की स्थिति, रिकाॅर्ड रूम सहित अन्य बिंदुओं की स्थिति देखती है। याेजना का मुख्य उद्देश्य उपचार में गुणवत्ता बरतना ताकि मरीज को पूरी तरह संतुष्टि का अनुभव हो।

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