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छोटे समूहों में बंटेंगी रेत खदानें, मंत्रिमंडल समिति ने प्रमुख सचिव को किया अधिकृत

भोपाल। प्रदेश में एक बार फिर रेत खदानें छोटे समूहों में संचालित होंगी। गौण्ा खनिज मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने यह निर्णय लिया है और खनिज विभाग के प्रमुख सचिव को इसके लिए अधिकृत किया है। बुधवार को समिति की वर्चुअल बैठक थी जिसकी अध्यक्षता गृहमंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने की। बैठक में लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव, खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह और वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा शामिल हुए। समिति ने मैदानी व्यवस्थाएं सुधारने के लिए खनिज विभाग में अधिकारियों-कर्मचारियों की भर्ती की भी अनुशंसा की है। ये अनुशंसाएं शासन को भेजी जाएंगी।

कमल नाथ सरकार ने प्रत्येक जिले की रेत खदानों का एक समूह बनाकर खदानें नीलाम की थीं। इससे राज्य सरकार को 1400 करोड़ रुपये राजस्व मिलने की उम्मीद थी, पर ठेकेदार खदानें चला नहीं सके। प्रदेश के दो जिलों उज्जैन और आगर-मालवा की खदानें अधिक दर तय होने के कारण नीलाम नहीं हुईं, तो किस्तें न चुकाने पर खनिज निगम को आठ जिलों की खदानों की लीज निरस्त करना पड़ी। जबकि चार जिलों के ठेकेदार खुद खदानें छोड़ना चाहते हैं। उन्होंने खदानें समर्पित करने का आवेदन भी दिया है।

ठेकेदारों के सामने अवैध परिवहन भी बड़ी चुनौती है। बैठक में इन सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई और मंत्रिमंडल समिति ने बड़े समूहों को छोटे समूहों में बांटने के लिए प्रमुख सचिव को अधिकृत कर दिया। गृहमंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि अवैध उत्खनन एवं परिवहन रोकने के लिए भू-राजस्व संहिता, खनिज, परिवहन आदि विभागों के अलग-अलग नियमों में एकरूपता लाने की अनुशंसा करने का भी निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के औसत अनुसार 125 रुपये प्रति घन मीटर की दर को बढ़ाने की अनुशंसा भी बैठक में हुई है।

 

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