नए इलेक्ट्रिसिटी बिल का विरोध शुरू:वितरण व्यवस्था निजी हाथों में सौंपने की सरकार की है तैयारी, आज दो घंटे का होगा प्रदर्शन, तो 10 अगस्त को रहेंगे हड़ताल पर

इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 के माध्यम से बिजली की वितरण व्यवस्था निजी हाथों में सौंपे जाने को लेकर विरोध शुरू हो गया है। अभी ये कानून मानसून सत्र में लाया जाना है। पर बिजली कर्मचारियों का दावा है कि ये बिल पूरी तरह से निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने और गरीब और सामान्य बिजली उपभोक्ताओं पर कुठाराघात होगा। देश भर के बिजली कर्मचारी और इंजीनियर इसके विरोध में लामबंद होकर प्रदर्शन और हड़ताल की रूपरेखा तय की है। सोमवार 19 जुलाई से वे इसकी शुरूआत कर रहे हैं। 10 अगस्त को पूरे देश में हड़ताल पर रहेंगे।
मप्र सहित देश भर के बिजली कर्मचारी और इंजीनियर सोमवार 19 जुलाई को शाम 4 से 6 बजे तक दो घंटे का विरोध प्रदर्शन करेंगे। बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस एंड इंजीनियर्स (एनसीसीओईई) की अगुवाई में देश भर के 15 लाख बिजली कर्मचारी और इंजीनियर इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं।
केंद्र सरकार ने मानसून सत्र में बिजली बिल पारित कराने का किया है एलान
मप्र यूनाइटेड फोरम फॉर पावर इंप्लाईज एवं इंजीनियर संघ के वीके परिहार ने बताया कि केंद्र सरकार ने संसद के मानसून सत्र में इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 संसद में रखने और पारित करने का एलान किया है। इसी के विरोध में बिजली कर्मियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर जाने का निर्णय लेना पड़ा है। केंद्र सरकार बिजली कानून में बड़ा बदलाव करने वाली है। जबकि इसे पहले संसद की बिजली मामलों की स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाना चाहिए। कमेटी के सामने बिजली कर्मियों को भी अपनी बात रखने का अवसर दिया जाना चाहिए।
बिजली सुधार के नाम निजीकरण पर जोर
इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में उत्पादन का लाइसेंस समाप्त कर बड़े पैमाने पर बिजली उत्पादन का निजीकरण किया गया। परिणाम ये निकला कि निजी घरानों की महंगी बिजली की मार आम लोगों को झेलना पड़ रहा है। अब इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 के जरिए बिजली वितरण का लाइसेंस लेने की शर्त समाप्त की जा रही है। मतलब बिजली वितरण का का काम निजी हाथों में सौंप दी जाएगी। इस बिल में प्रावधान है कि किसी भी क्षेत्र में एक से अधिक बिजली कम्पनियां बिना लाइसेंस लिए कार्य कर सकेंगी और बिजली वितरण के लिए निजी कंपनियां सरकारी वितरण कंपनी का इंफ्रास्ट्रक्चर और नेटवर्क इस्तेमाल करेंगी।
मुनाफा वाले उपभोक्ताओं पर निजी कंपनियों का रहेगा जोर
निजी कम्पनियां केवल मुनाफे वाले औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को ही बिजली देंगी। इससे सरकारी बिजली कंपनी की वित्तीय हालत और खराब हो जाएगी। नए बिल के जरिए सरकार बिजली वितरण का निजीकरण करने जा रही है, जो किसानों और गरीब घरेलू उपभोक्ताओं के हित में नहीं है।
विरोध प्रदर्शन और आंदोलन की ये बनाई है रूपरेखा
- 19 जुलाई की शाम 4 से 6 बजे दो घंटे देश भर में बिजली कर्मी प्रदर्शन करेंगे।
- 27 जुलाई को नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस एन्ड इंजीनियर्स (एनसीसीओईई) के राष्ट्रीय पदाधिकारी केंद्रीय विद्युत मंत्री आरके सिंह को ज्ञापन देंगे।
- 03 अगस्त को उत्तरी क्षेत्र, 04 अगस्त को पूर्वी क्षेत्र, 05 अगस्त को पश्चिमी क्षेत्र और 06 अगस्त को दक्षिणी क्षेत्र के बिजली कर्मी दिल्ली में श्रम शक्ति भवन पर सत्याग्रह करेंगे।
- 10 अगस्त को पूरे देश के बिजली कर्मी व इंजीनियर राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे।
- केंद्र सरकार ने 10 अगस्त के पहले संसद में बिल रखा तो देश भर के बिजली कर्मी उसी दिन हड़ताल करेंगे।