Wed. Apr 30th, 2025

मानसून की बेरूखी जारी:जबलपुर में 11 साल में सबसे सूखा जुलाई गुजर रहा, 51.1 मिमी ही हुई बारिश, पूरे महीने महज पांच दिन हुई हल्की बारिश

जबलपुर में मानसून की बेरूखी जारी है। औसत से पीछे चल रहे जबलपुर में पिछले 18 दिनों में महज पांच दिन ही बारिश हुई। जुलाई में अब तक 51 मिमी ही बारिश हो पाई। अब तक कुल बारिश 254 मिमी है, जो सामान्य से काफी कम है। 11 साल में सबसे सूखा जुलाई गुजर रहा है। गर्मी भी रिकॉर्ड तोड़ने को बेताब है। बारिश न होने से खेत सूखे हैं। धान बोवनी कर चुके किसान खेतों में पानी चलाकर परेशान हैं।

इस बार मौसम अजीब बर्ताव कर रहा है। जब गर्मी पड़ने का वक्त था, मतलब मई व जून तब गर्मी कम पड़ी। अब बारिश का समय है तो मानसूनी बादल गायब हैं। दोपहर में तेज धूप और चिपचिपी गर्मी से लोग बेहाल हो जा रहे हैं। लोकल बादल आते भी हैं, तो हवाएं उन्हें दूर धकेल देती हैं। मानसून की बेरूखी का आलम ये है कि जुलाई में अब तक महज 51 मिमी ही बारिश हुई। वो भी 10 से 18 जुलाई के बीच महज दो मिमी बारिश रविवार को हुई। आसमान में बादल तो छा रहे हैं, लेकिन राहत की फुहारें गायब हैं। पिछले चार दिनों से अधिकतम तापमान 34 से बढ़कर 36 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।

जबलपुर में 18 जुलाई को 5 मिनट बारिश के बाद फिर इस तरह हो गया मौसम।
जबलपुर में 18 जुलाई को 5 मिनट बारिश के बाद फिर इस तरह हो गया मौसम।
इस तरह 11 सालों में जुलाई तक हुई बारिश
वर्ष 15 जुलाई तक बारिश जुलाई तक कुल बारिश
2021 51 मिमी 254 मिमी
2020 167 मिमी 209 मिमी
2019 336 मिमी 368 मिमी
2018 243 मिमी 380 मिमी
2017 291 मिमी 401 मिमी​​​​​​​
2016 609 मिमी 627 मिमी
2015 352 मिमी 368 मिमी
2014 296 मिमी 340 मिमी
2013 497 मिमी 722 मिमी
2012 548 मिमी 626 मिमी
2011 497 मिमी 594 मिमी

11 साल में जुलाई सबसे सूखा

पिछले 11 साल में सबसे सूखा जुलाई गुजर रहा है। शहर में इस वर्ष मानसून की आमद समय से पहले हुई। इस कारण मानसून ब्रेक भी जल्दी आ गया। अमूमन मानसून के अपने समय पर आने से मानसून ब्रेक का समय भी एक महीने पीछे रहता है। मानसून ब्रेक होने के कारण द्रोणिका की स्थिति भी ऊपर-नीचे है। द्रोणिका जब बीच में रहती है, तो शहर और संभाग में अच्छी बारिश होती है। कुछ दिन पहले तक द्रोणिका ऊपर की ओर राजस्थान-यूपी होते हुए बंगाल की खाड़ी तक थी। अभी नीचे की ओर आ रही है।

मानसून का बन रहा सिस्टम

मौसम विज्ञान केंद्र में सहायक वैज्ञानिक देवेंद्र कुमार तिवारी के मुताबिक द्रोणिका धीरे-धीरेे सामान्य स्थित में लौट रही है। द्रोणिका के प्रदेश के ऊपर आते ही बारिश के आसार बनेंगे। हवा की दिशा दक्षिण-पूर्व बनी हुई है। बंगाल की खाड़ी से नमी भरी हवा आ रही है। इससे 19 जुलाई से मानसूनी गतिविधियां कुछ जोर पकड़ सकती है। रविवार 18 जुलाई को शहर में कुछ हिस्से में 2 मिमी तक बारिश हुई। हालांकि बादल पूरे दिन छाए रहे।

जुलाई में सिर्फ पांच दिन ही बारिश हुई

  • 1 जुलाई 11.4 मिमी बारिश
  • 08 जुलाई 14.4 मिमी बारिश
  • 9 जुलाई 13.5 मिमी बारिश
  • 10 जुलाई 7.8 मिमी बारिश
  • 18 जुलाई 2.3 मिमी बारिश
परियट में महज नौ फीट पानी बचा है।
परियट में महज नौ फीट पानी बचा है।

बारिश के लिए टोटके भी शुरू

अच्छी बारिश के लिए नगर निगम आयुक्त संदीप जीआर ने बजरंगबली व इंद्रदेव का पूजन किया। परियट जलाशय और फगुआ नाला का निरीक्षण किया। इसके साथ ही अर्जी वाले हनुमान मंदिर में बारिश की अर्जी भी लगाई। शहर में नर्मदा, खंदारी व परियट से पानी की सप्लाई होती है। परियट से रांझी जलशोधन तक बिना बिजली के पानी परियट जलाशय से आता है। पर परियट में 9 फीट ही पानी बचा है। जबकि खंदारी में 16 फीट तो बरगी बांध में 413 फीट पानी है। जो न्यूनतम से छह मीटर अधिक है।

जबलपुर के प्रमुख पेयजल वाले जलाशयों का हाल
जलाशय मौजूदा जलस्तर अधिकतम जलस्तर
बरगी बांध 413 मीटर 422.7 मीटर
खंदारी जलाशय 16 फीट 54 फीट
परियट जलाशय 9 फीट 30 फीट

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