मुख्यमंत्री ने दी सौगात:आरआरडीएस के अधिकारियों को मिलेगा प्रमोशन का तोहफा, पदों का पुनर्निर्धारण व नए पद सृजित करने को हरी झंडी

ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग में बड़ी संख्या में राजस्थान ग्रामीण विकास राज्य सेवा (आरआरडीएस) के अधिकारियों को शीघ्र ही पदोन्नति का तोहफा मिल सकेगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस सेवा के अधिकारियों को पदोन्नति के समुचित अवसर उपलब्ध कराने के लिए कैडर में पदों का पुनर्निर्धारण तथा नवीन पदों का सृजन करने के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है।
प्रस्ताव के अनुसार, राजस्थान ग्रामीण विकास राज्य सेवा संवर्ग के कुल 297 पदों का पुनर्निर्धारण किया गया है। इसके तहत कनिष्ठ वेतन शृंखला में 189 पद, वरिष्ठ वेतन शृंखला में 67 पद, चयनित वेतन शृंखला में 31 तथा सुपर टाइम स्केल वेतन शृंखला में 10 पद प्रस्तावित किए गए हैं। साथ ही संयुक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक (महानरेगा) के 33 नवीन पदों का भी सृजन किया गया है। इनमें से संभागीय कार्यालयों में आरएएस सेवा के 7 पद तथा शेष जिलों में 26 पद आरआरडीएस सेवा के होंगे।
अनुकम्पा नियुक्ति के 68 प्रकरणों में दी शिथिलता
सीएम गहलोत ने सरकारी कार्मिक की मृत्यु के उपरांत आश्रित द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन के 68 प्रकरणों में शिथिलता दी है। उल्लेखनीय है कि अनुकम्पात्मक नियमों के तहत सरकारी कार्मिक की मृत्यु के बाद आश्रित को 90 दिवस में अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन करना होता है। साथ ही आश्रित के नाबालिग होने की स्थिति में बालिग होने के 3 वर्ष के भीतर आवेदन करने का प्रावधान है।
गहलोत ने विलम्ब अवधि से आवेदन के 13, अधिआयु सीमा के 4, न्यूनतम आयु सीमा के 6 तथा बालिग होने के बाद 3 वर्ष तक की अवधि के बाद देरी से आवेदन के 45 प्रकरणों में शिथिलता दी है। गहलोत ने विगत करीब ढाई साल की अवधि में अनुकम्पा नियुक्ति के 837 प्रकरणों में शिथिलता प्रदान कर आवेदकों को राहत प्रदान की है। इस अवधि में 3236 मृतक आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्तियां भी दी गई हैं।