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देवशयनी एकादशी से चातुर्मास प्रारंभ, 13 नवंबर तक नहीं होंगे शुभ कार्य,

ग्वालियर। देवशयनी एकादशी के साथ ही मंगलवार से चातुर्मास शुरू हो गया है। इस अवधि में शुभ कार्य वर्जित होने से विवाह आदि शुभ कार्य नहीं होते हैं। चार माह बाद देवोत्थान एकादशी 13 नवंबर कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष को भगवान विष्णु के शयन निद्रा में उठने पर शुभ कार्य प्रारंभ होंगे।
ज्योतिषाचार्य दीपक मित्तल के अनुसार आषाढ़ शुक्ल एकादशी को देवशयनी एकादशी मनाई जाती है। देवशयनी एकादशी व्रत सबसे श्रेष्ठ एकादशी मानी जाती है। इस दिन चार माह के लिए भगवान श्री हरिविष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं। इस अवधि में जहां शुभ कार्य बंद हो जाते हैं वहीं साधु संतों का भ्रमण भी बंद हो जाता है वे एक स्थान पर चातुर्मास करते हैं। इस दौरान धार्मिक आयोजन होते हैं। ज्योतिषाचार्य दीपक मित्तल के अनुसार देवशयनी एकादशी के दिन किया जाने वाला व्रत सभी पापों को नाश करने वाला होता है।

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