Sun. Nov 24th, 2024

पेगासस हैकिंग मामले में एक और खुलासा, राहुल और PK के फोन भी थे निशाने पर: रिपोर्ट

नई दिल्ली : कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के कम से कम दो मोबाइल फोन को भी टैप किया गया. इस बात का दावा द वायर (The Wire) ने अपनी नई रिपोर्ट में किया है. द वायर ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि राहुल गांधी के दो मोबाइल फोन समेत 300 भारतीयों के नंबर NSO की लिस्ट में थे. NSO इजरायल की वही कंपनी है, जो पेगासस (Pegasus) सॉफ्टवेयर बनाती है.

द वायर ने ही अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस की मदद से फोन टैपिंग की और देश के कई पत्रकारों, नेताओं, जजों, एक्टिविस्टों की जासूसी करवाई.

अब नई रिपोर्ट में द वायर ने दावा किया है कि पेगासस के जरिए राहुल गांधी के दो फोन को टैप किया गया है. दावा ये भी है उनके 5 दोस्तों की भी जासूसी की गई, जिनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है.

इतना ही नहीं, रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के फोन को भी हैक किया गया. इसके अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के भतीजे अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) को भी टारगेट किया गया. इतना ही नहीं, अभिषेक बनर्जी के पर्सनल सेक्रेटरी और प्रशांत किशोर के एक करीबी का फोन टैप होने की बात भी रिपोर्ट में कही गई है. NSO की लिस्ट में पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा (Ashok Lavasa) का वो नंबर भी है, जिसे वो 2019 में इस्तेमाल करते थे.

वेबसाइट ने रिपोर्ट में दावा किया है कि NSO की लिस्ट में जिन 300 भारतीयों के नंबर हैं, उनमें मौजूदा आईटी और रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw), जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल (Prahlad Singh Patel) के नंबर भी हैं.

इनके अलावा उस लिस्ट में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया (Vasundhara Raje Scindia) के पीएस का नंबर भी है. दावा है कि ये जासूसी तब की गई जब वो राजस्थान की मुख्यमंत्री थीं. इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) के ओएसडी संजय काचरू का नाम भी इसमें शामिल है. इसके अलावा विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया का नंबर भी इजरायली सॉफ्टवेयर के डेटाबेस में मिला है.

इन लोगों की भी हुई जासूसी
इस लिस्ट में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के फाउंडर जगदीप छोखर का नाम भी है. देश की टॉप वायरोलॉजिस्ट गगनदीप कांग (Gagandeep Kang) का नाम भी इसमें है. उनका नाम 2018 में उस वक्त शामिल हुआ जब वो निपाह वायरस (Nipah virus) से लड़ने में मदद कर रही थीं. उनके अलावा बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के इंडिया हेड हरी मेनन और एक कर्मचारी का नंबर भी 2019 में टारगेट किया गया.

इतना ही नहीं, देश के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) पर अप्रैल 2019 में यौन शोषण का आरोप लगाने वाली सुप्रीम कोर्ट की पूर्व स्टाफर के फोन को भी टारगेट किया गया था. उसके अलावा 11 से ज्यादा स्टाफर के फोन नंबर की भी निगरानी होने का दावा है.

इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद कांग्रेस ने गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने मोदी सरकार पर राहुल गांधी की जासूसी करवाने का आरोप लगाया. उन्होंने ने ये भी कहा कि सिर्फ राहुल गांधी ही नहीं, बल्कि विपक्ष के दूसरे नेताओं की भी जासूसी करवाई. वहीं, राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा है.

वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि ऐसी रिपोर्ट को एक वर्ग इसलिए फैला रहा है ताकि भारत की विकास यात्रा को पटरी से उतारा जा सके. उन्होंने कहा कि एक वर्ग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को बदनाम करने के मकसद से ऐसी रिपोर्ट ला रहा है. उन्होंने कहा कि ये रिपोर्ट भारत के विकास में रोड़ा डालने वालों की रिपोर्ट है. कुछ विघटनकारी वैश्विक संगठन हैं जो भारत की प्रगति को पसंद नहीं करते हैं. ये अवरोधक भारत के वो राजनीतिक षड्यंत्रकारी हैं जो नहीं चाहते कि भारत प्रगति कर आत्मनिर्भर बने.

सरकार ने रिपोर्ट को झूठ बताया
केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में सोमवार को इस रिपोर्ट को झूठा बताया. उन्होंने लोकसभा में कहा कि डेटा का जासूसी से कोई संबंध नहीं है. जो रिपोर्ट पेश की गई है, उसके तथ्य गुमराह करने वाले हैं. उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट में कोई दम नहीं और ये सिर्फ सनसनीखेज है.

पूर्व आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि NSO ने खुद बताया है कि वो पेगासस सॉफ्टवेयर 45 देशों को देती है, तो फिर भारत को ही टारगेट क्यों किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) की अगुवाई में जो भारत ने दुनिया में अपनी साख बनाई है, उससे लोग परेशान हैं. इसलिए ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *