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पायलट खेमे की मांगें होगी पूरी!:पायलट कैंप की मांगों को लेकर बनी सुलह कमेटी ने हाईकमान को दी सिफारिशें, राजस्थान में सचिन समर्थकों को सत्ता-संगठन में मिलेगी भागीदारी

पिछले साल सचिन पायलट कैंप की बगावत के बाद सुलह के वक्त तय हुए मुद्दों पर कांग्रेस हाईकमान के स्तर पर काम शुरू हो गया है। सचिन पायलट समर्थकों की मांगों पर विचार करने के लिए बनी सुलह कमेटी ने अपनी सिफारिशें हाईकमान को सौंप दी है। संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रभारी अजय माकन की कमेटी ने मांगों और सुझावों को सुनने के बाद तैयार की गई सिफारिशों को कांग्रेस हाईकमान के सामने रखा है। माना जा रहा है कि अब जल्द ही सचिन पायलट के समर्थकों को सत्ता और संगठन में भागीदारी मिलेगी।

पिछले साल पायलट खेमे की बगावत और वापसी के बाद तीन नेताओं की सुलह कमेटी बनाई थी। इस सुलह कमेटी में शा​मिल अहमद पटेल का कोरोना से निधन हो गया। इस कमेटी में अब अजय माकन और केसी वेणुगोपाल रहे हैं। पिछले साल अगस्त से लेकर अब तक 11 महीने का वक्त बीत चुका था, लेकिन सुलह कमेटी का काम खत्म नहीं हुआ था। सचिन पायलट ने सुलह कमेटी की सिफारिशों पर कहा- कमेटी ने बैठकें की है, हमने जो बातें और सुझाव रखे थे। वे 2023 में फिर से सरकार बनाने की रणनीति से जुड़े थे। जिन पार्टी कार्यकर्ताओं के खून पसीने से सरकार बनी है उन्हें पद भले न मिले, लेकिन सम्मान मिले। यह सुनिश्चित होना चाहिए। उम्मीद है इन बातों पर एक्शन होगा।

साल भर पहले तत्काल पायलट कैंप की मांगें सुनकर सिफारिशें देने का आश्वासन दिया, लेकिन 11 महीने निकाल दिए
सचिन पायलट कैंप को सुलह के बाद आश्वासन दिलाया था कि उनकी मांगों का जल्द समाधान होगा। कमेटी की फंक्शनिंग तेज करने का आश्वासन दिया गया। इस सुलह कमेटी ने सिफारिशें देने में 11 महीने निकाल दिए। इस देरी पर अब पायलट कैंप के नेता सवाल उठा रहे हैं। कई विधायकों ने जून में बयान देकर इस देरी पर गंभीर सवाल उठाए थे

प्रियंका गांधी का हस्तक्षेप
सचिन पायलट कैंप की पिछले साल वापसी करवाने में प्रियंका गांधी की बड़ी भूमिका बताई जा रही है। सुलह कमेटी ​की रिपोर्ट नहीं आने पर इस बार भी प्रियंका गांधी ने हस्तक्षेप किया। इसके बाद कमेटी ने काम की स्पीड बढ़ाई और अब सिफारिशें हाईकमान को दे दीं।

कांग्रेस सत्ता-संगठन में पायलट कैंप के नेताओं को मिलेगी जगह
मंत्रिमंडल विस्तार, राजनीतिक नियुक्तियों और संगठनात्मक नियुक्तियों पर जल्द काम शुरू करने की संभावना है। पायलट कैंप लंबे समय से इनकी मांग कर रहा है। अब जल्द इस बारे में फैसला होने के आसार हैं।

सत्ता और संगठन के कामकाज के तरीकों पर असंतुष्टि जताई थी
सचिन पायलट कैंप से जुड़े नेताओं ने मुख्यमंत्री अशाोक गहलोत और उनके समर्थकों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। पायलट समर्थक नेताओं ने राजस्थान में सरकार रिपीट नहीं होने के पीछे कार्यकर्ताओं की अनदेखी और ग्रासरूट स्तर तक पार्टी की पहुंच नहीं हाेने को बड़ा कारण बताया है। बताया जाता है कि सुलह कमेटी ने पायलट खेमे की मांगों काे पूरा करने के साथ जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों का ध्यान रखने को कहा है।

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