प्राइवेट स्कूल की मान्यता अब आसान नहीं:राजस्थान में खेल मैदान नहीं तो मान्यता नहीं मिलेगी, बिना स्वीकृति स्कूल का स्थान बदला तो भारी जुर्माना

खेलों में लगातार पिछड़ रहे राजस्थान के शिक्षा विभाग ने स्कूलों में खेल मैदान की पुख्ता व्यवस्था रखने के लिए इस बार प्राइवेट स्कूलों पर सख्ती कर दी है। अब बिना खेल मैदान वाले स्कूल को मान्यता ही नहीं दी जाएगी। इससे न सिर्फ छोटे बच्चों को शिक्षा के साथ खेलकूद सुविधा मिलेगी, बल्कि कई प्रतिभाएं भी सामने आएंगी।
मान्यता देने के नए आदेशों में स्पष्ट है कि अगर किसी शिक्षण संस्था के पास खेल मैदान नहीं है तो वह अब प्राइवेट स्कूल नहीं खोल सकेगा। अब तक प्राइवेट स्कूल अपने आसपास के सरकारी खेल मैदान को दर्शाते हुए मान्यता ले लेते थे, लेकिन शिक्षा विभाग ने कहा है कि प्राइवेट स्कूल के परिसर में ही खेल मैदान होना आवश्यक है। इतना ही नहीं प्राइमरी से सीनियर सेकंडरी स्कूल के लिए भूमि की न्यूनतम लिमिट भी तय कर दी है। उससे कम भूमि होने पर भी मान्यता नहीं दी जाएगी।
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने गुरुवार को जारी दिशा निर्देशों में स्पष्ट किया है कि अगर स्कूल में खेल मैदान नहीं है तो महज सौ मीटर के दायरे में मौजूद किसी सरकारी, गैर सरकारी परिसर को खेल मैदान के रूप में दिखाया जा सकता है। आमतौर पर महज सौ मीटर के दायरे में खेल मैदान नहीं होता। शहरी क्षेत्र में तो ऐसा होना बहुत मुश्किल है। विद्यालय के लिए तय जमीन से खेल मैदान की भूमि का अलग से निरीक्षण किया जाएगा। शहरी क्षेत्र में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूल के लिए 500 वर्ग मीटर का खेल मैदान चाहिए, वहीं ग्रामीण क्षेत्र में दो हजार वर्ग मीटर का मैदान होना आवश्यक है। इससे बड़ी क्लासेज होने पर शहरी क्षेत्रों में एक हजार वर्ग मीटर और ग्रामीण क्षेत्रों में चार हजार वर्ग मीटर जमीन की आवश्यकता है।
सरकारी स्कूलों में नहीं है खेल मैदान
शहरी क्षेत्र के सैकड़ों ऐसे सरकारी स्कूल हैं, जहां खेल मैदान नहीं है। प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूल से सीनियर सेकंडरी स्कूल है, जहां खेल मैदान तो दूर क्लास रूम भी बहुत छोटे हैं। यहां तक कि एक ही बिल्डिंग में तीन-तीन स्कूल संचालित हो रहे हैं। खंडहर हो रहे परिसर में स्कूल चल रहे हैं। वहीं, शिक्षा विभाग प्राइवेट स्कूल पर पाबंदी लगाता जा रहा है।
बिना स्वीकृति स्कूल का स्थान बदला तो जुर्माना
अगर कोई प्राइवेट स्कूल बिना विभाग की स्वीकृति के स्कूल का स्थान बदलता है तो उससे प्रति किलोमीटर बीस हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। किसी प्राइवेट स्कूल संचालक ने पांच किलोमीटर दूर नए परिसर में स्कूल खोला है तो उसे एक लाख रुपए जुर्माना देना होगा। स्वीकृति लेने पर निर्धारित फीस भी जमा करानी होगी।