CM के सामने आदिवासी महिला ने खोली राशन घोटाले की पोल, आधा अनाज डकार गए माफिया
भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना संकट काल के दौरान जो अनाज गरीबों को बांटने थे, उसे बीच में ही माफियाओं द्वारा डकार लेने की खबरें आम हो गई है। अब एक आदिवासी महिला ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को मुफ्त राशन योजना की जमीनी हकीकत बताया है। महिला ने सीएम को बताया कि उसे 40 किलो के जगह 20 किलो अनाज ही मिले। लाइव कॉन्फ्रेंस के दौरान आदिवासी महिला द्वारा राशन व्यवस्था की पोल खुलने से सीएम घबरा गए, हालांकि तत्काल उन्होंने अधिकारियों को पता लगाने के लिए कहा है।
दरअसल, सीएम शिवराज गुरुवार को प्रदेश की विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, भरिया और सहरिया समुदाय के महिलाओं के खाते में 1 हजार रुपए ट्रांसफर कर रहे थे। इस योजना को इसलिए शुरू किया गया है ताकि उस पैसे से सब्जी, फल, आहार व अन्य जरूरतें पूरी कर सकें। रिमोट क्लिक से योजना की शुरुआत करने के बाद सीएम शिवराज जब हितग्राही महिलाओं से बातचिक करने लगे तो सरकारी दावों की पोल खुल गई।
बालाघाट की एक आदिवासी महिला रागिनी से बातचीत के दौरान सीएम शिवराज ने पूछा कि राशन मिल रहा है? इसपर रागिनी ने बताया कि इस महीने 20 किलो ही अनाज मिले। इतना सुनते ही सीएम शिवराज हैरत में पड़ गए। क्योंकि दावों के अनुसार प्रति व्यक्ति 10 किलो अनाज मिलते हैं। इस हिसाब से उन्हें 40 किलो अनाज मिलना चाहिए। अब आदिवासी महिला द्वारा मामला उजागर करने के बाद सीएम शिवराज ने अधिकारियों को जांच के आदेश दिए हैं।