चांदोरा डैम से पानी छोड़ने के बाद ताप्ती उफान पर:खतरे के निशान से 2.600 मी. ऊपर बही ताप्ती, घाट डूबे
बुरहानपुर जलग्रहण क्षेत्रों में तेज बारिश और बैतुल के चांदोरा डैम से पानी छोड़े जाने के कारण ताप्ती नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। उफनती लहरें खतरे के निशान को पार कर इससे 2.600 मीटर ऊपर बह रही हैं। शुक्रवार शाम तक नदी का जलस्तर 223.400 मीटर पर पहुंच गया। सभी घाट डूब गए हैं। इसको देखते हुए निचली बस्तियों में बचाव के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है। ताप्ती नदी का खतरे का निशान 220.800 मीटर है। ताप्ती नदी का जलस्तर गुरुवार दोपहर से बढ़ना शुरू हुआ था। गुरुवार रात 11 बजे तक जलस्तर बढ़ा, लेकिन इसके बाद कम होने लगा। शुक्रवार दोपहर 1 बजे जलस्तर 218.950 मीटर पर था। इसके बाद जलस्तर बढ़ने लगा। पांच घंटे में 4.450 मीटर तक बढ़ गया।
बाढ़ के कारण राजघाट से जैनाबाद जाने वाले पुल पर से आवागमन रोक दिया है। इस कारण 25 से ज्यादा गांवों का सीधा संपर्क शहर से टूट गया है। रात में जलस्तर बढ़ने का खतरा है। इसलिए निचली बस्तियों में अधिकारियों को तैनात कर जलस्तर पर नजर रखने को कहा गया है।
जलस्तर 223.400 मीटर पर पहुंचा, रात में जलस्तर और बढ़ने का अंदेशा, सुरक्षा के लिए घाटों पर पुलिस बल तैनात किया
पुलिस ने लोगों को घाटों से हटाया, बाढ़ देखने परकोटे पर लगी भीड़
जलस्तर बढ़ने के बाद शुक्रवार शाम 4 बजे से ताप्ती नदी के घाट पर पुलिस बल तैनात हो गया। लोगों के घाट पर जाने पर रोक लगा दी। नागझिरी, पीपल घाट, राजघाट व सतियारा घाट पूरी तरह डूब गए हैं। जलस्तर बढ़ने पर पीपल घाट व राजघाट की निचली बस्तियों में पानी भरने का डर है। घाट पर जाने पर रोक लगाने से बाढ़ देखने के लिए परकोटे पर लोगों की भीड़ लग गई। राहत व बचाव कार्य के लिए होमगार्ड का बल तैनात किया गया है।
और इधर… लोग जान जोखिम में डालकर पकड़ रहे लकड़ी
नदी में आई बाढ़ के साथ जंगल से पेड़ व लकड़ियां बहकर आ रही हैं। इन्हें पकड़ने के लिए लोग जान जोखिम में डालकर नदी में गोता लगा रहे हैं। दूसरी ओर ताप्ती नदी के पुराने पुल पर भी बाढ़ के साथ बहकर आई लकड़ी को पकड़ने के लिए शुक्रवार दोपहर के बाद से भीड़ लग गई। पुल के डूबने के बाद लोग यहां से लकड़ियां लेकर चले गए।
फसलों को बारिश से मिला नया जीवन
अच्छी बारिश से फसलों को नया जीवन मिला है। लंबे समय से बारिश की खेंच के कारण पूरे जिले में सिंचाई के लिए किसान परेशान हो रहे थे। पानी नहीं मिलने से फसलें प्रभावित हो रही थीं। जंगलों में अच्छा पानी बरसने से नदी-नाले उफान पर आ गए हैं। अस्थायी रोक बांध और डैम में भी पानी भरने लगा है। इससे भूमिगत जलस्तर बढ़ेगा और स्रोतों में पर्याप्त पानी आने से किसानों को सिंचाई में परेशानी नहीं होगी।
24 घंटे में 5.2 मिमी बारिश, एक डिग्री लुढ़का तापमान
जिले में 24 घंटे में सिर्फ 5.2 मिमी बारिश दर्ज हुई है। गुरुवार आधी रात से हल्की बारिश शुरू हुई थी। शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक रुक-रुककर बारिश हुई। बूंदाबांदी होती रही। इससे दिन के तापमान में एक और रात के तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस की कमी आई है। गुरुवार को दिन का तापमान 32 व रात का तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रहा था। अगले दो दिन भी बारिश होने की संभावना है। जिले में अब तक 10.4 इंच पानी बरसा है। इसमें बुरहानपुर में 9.24, नेपानगर में 10.71 व खकनार में 11.25 इंच बारिश हुई है।