इलेक्ट्रिक ट्रेनों के संचालन को हुआ एक साल पूरा:इलेक्ट्रिक ट्रेनों के संचालन से अजमेर रेल मंडल ने बचाए 7 करोड़ 14 लाख, देशभर में समय पालना में भी रहा अव्वल
अजमेर रेल मंडल ने एक साल में इलेक्ट्रिक ट्रेनों का संचालन कर 7 करोड़ 14 लाख रुपए की बचत की है, साथ ही सही रफ्तार के चलते समय पालना में भी पूरे देश में अव्वल है। मंगलवार को अजमेर रेल मंडल में इलेक्ट्रिक ट्रेनों के संचालन को एक साल पूरा हो जाएगा।
अजमेर से पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन के रूप में जन शताब्दी एक्सप्रेस का संचालन हुआ था। मौजूदा समय में अजमेर से 10 जोड़ी ट्रेनें बिजली इंजन से आ जा रही हैं, इनमें से 7 ट्रेनें अजमेर से ही संचालित हैं।
इन ट्रेनों का सालाना खर्च करीब 10 करोड़ 26 लाख था, विद्युत इंजन से संचालित होने पर इन ट्रेनों का खर्च 3 करोड़ 11 लाख हो गया है, यानी मंडल ने प्रदूषण कम करने के साथ-साथ 7 करोड़ 14 लाख भी बचाए।
अजमेर से पालनपुर का काम पूरा होने पर और चलेगी इलेक्ट्रीफाइड ट्रेनें
सीनियर डीसीएम विवेक रावत ने बताया कि अजमेर मंडल के अजमेर से पालनपुर के बीच करीब 50 किमी का काम बाकी है। विद्युतीकरण का शिलान्यास अजमेर में जुलाई 2016 में किया गया था। अजमेर की दो मुख्य लाइनें अजमेर-उदयपुर और अजमेर-पालनपुर का काम अक्टूबर 2021 में होना था। कोशिश है कि यह काम सितम्बर में पूरा हो जाएगा।
रेल संचालन का खर्च 480 से हुआ 230 रुपए प्रति किमी : एक अनुमान के मुताबिक 24 डिब्बों की एक पैसेंजर ट्रेन को संचालित करने में एक डीजल इंजन 480 रुपए का खर्च आता है, जबकि इलेक्ट्रिक इंजन में यह खर्च 230 रुपए या इससे भी कम आता है।
यह ट्रेनें चल रही है अभी इलेक्ट्रिक इंजन से अजमेर-आगरा फोर्ट, अजमेर-भागलपुर, चेतक एक्सप्रेस उदयपुर से अजमेर, उदयपुपर-निजामुद्दीन, उदयपुर-इंदौर, उदयपुर-बांद्रा, अजमेर-सियालदाह, उदयपुर-शालीमार सहित अन्य ट्रेनें विद्युत इंजन से चल रही है।
सफर ए अजमेर रेल लाइन
- मीटर गेज : 1 अगस्त 1875 में अजमेर से मदार के बीच मीटर गेज सेक्शन प्रारंभ, 1881 में अजमेर-नीमच के बीच सेक्शन प्रारंभ हुआ।
- ब्रॉड गेज लाइन : दिल्ली-अजमेर मीटर गेज लाइन को दिसंबर 1994 में ब्रॉड गेज लाइन में बदल दिया गया। इसके बाद ब्रॉड गेज लाइनों पर ट्रेनों का संचालन हुआ।
- इलेक्ट्रिक लाइन: अजमेर दिल्ली सराय रोहिल्ला के बीच पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन 28 जुलाई 2020 को संचालित हुई।
अजमेर रेल मंडल में विद्युतीकृत इंजन से ट्रेनों के संचालन को एक साल हो गया है। अजमेर पालनपुर के बीच करीब 50 किमी का काम पूरा होना बाकी है, यह काम होने के बाद अन्य ट्रेनें भी इलेक्ट्रीफाइड हो जाएंगी। -नवीन कुमार परसुरामका, डीआरएम, अजमेर रेल मंडल