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हल्द्वानी के बदहाल सिंचाई सिस्टम को दुरुस्त करने को खर्च होंगे 400 करोड़

हल्द्वानी : हल्द्वानी के बदहाल सिंचाई सिस्टम को दुरुस्त करने की दिशा में बड़ी उम्मीद जगी है। एडीबी ने जमरानी परियोजना के अफसरों से इस बाबत प्रस्ताव मांगा है। सिंचाई सिस्टम को आधुनिक मॉडल के तहत तैयार किया जाएगा। नहरों की सेंसर से निगरानी होगी। ताकि पता चल सके कि कितनी देर और कितनी मात्रा में खेतों तक पानी पहुंचा। हालांकि, इससे पहले कृषि क्षेत्र की पैमाइश भी होगी। इस सर्वे में जीओ मैपिंग करना अनिवार्य है। करीब 400 करोड़ रुपये व्यवस्था को हाईटेक करने में लगेंगे। जमरानी परियोजना से जुड़े अफसर सिंचाई विभाग के अधिाकरियों संग बैठक कर जल्द प्रस्ताव तैयार करने में जुट जाएंगे।

हल्द्वानी के गौलापार, बरेली रोड, कमलुवागांजा और रामपुर रोड पर देवलचौड़ से नीचे के क्षेत्र को अब भी कृषि पट्टी कहा जाता है। फसलों के अलावा काश्तकार टमाटर, प्याज व अन्य सब्जियां भी तैयार करते हैं। सिंचाई नगरों और गूलों के माध्यम से सिंचाई की जाती है। हालांकि, नहरों व गूलों की स्थिति लंबे समय से खराब है। सिंचाई विभाग अक्सर बजट की तंगी का हवाला देकर पल्ला झाड़ लेता है। हालांकि, अब एडीबी के दिलचस्पी लेने पर काफी उम्मीद जगी है।

एडीबी ने जमरानी परियोजना के अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसके मुताबिक नहरों व गूलों के अलावा कृषि क्षेत्र का भी पूरा डाटा देना होगा। फसल चक्र का अध्ययन किया जाएगा। ताकि पता चल सके हल्द्वानी में साल में लगाई जाने वाली फसलें कौन सी है। और औसतन इन्हें कितने पानी की जरूरत पड़ती है। इस हिसाब से सिंचाई के सिस्टम को तैयार किया जाएगा। ताकि न कमी पड़े और न बर्बादी हो।

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