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MP फिर होगा तरबतर:बंगाल की खाड़ी में बन रहे सिस्टम, एक-दो दिन बाद होगी तेज बारिश; उम्मीद- इस बार सबसे ज्यादा भीगेगा मालवा-निमाड़

मानसून के दो महीने खत्म होने में अभी कुछ और दिन बचे हैं। इस सीजन में पहली बार ऐसा हुआ, बंगाल की खाड़ी में बना सिस्टम बगैर रुकावट या भटकाव के सीधे मध्यप्रदेश में सक्रिय हुआ है। इस कारण 3 दिन से प्रदेशभर में मानसून मेहरबान है। इसके पहले तक ऐसा हो रहा था, सिस्टम बनने के बाद यहां आने के बजाय उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ तक चला जाता था। इंदौर समेत प्रदेश के हिस्से में मामूली बारिश हो रही थी।

इस बार बंगाल की खाड़ी ने प्रदेश के 80 % जिलों को सामान्य बारिश दी है। हवा की दिशा और गति मेहरबान रही, तो बंगाल की खाड़ी में बन रहा नया सिस्टम प्रदेश को फिर से जमकर भिगोने वाला है। 27-28 जुलाई के बाद फिर तेज बारिश होगी। इस बार मालवा-निमाड़ पर बादल कुछ ज्यादा मेहरबान होने वाले हैं।

माैसम एक्सपर्ट एचएल कपाड़िया ने बताया कि पश्चिमी मप्र के जिले आलीराजपुर, धार, झाबुआ समेत मालवा निमाड़ में एक कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है। यह समुद्र तल से करीब 6 किमी के ऊपर बना है। ऐसे में राजस्थान में सक्रिय मानसून और नए बने सिस्टम के बीच एक झुकाव की स्थिति निर्मित हो गई है। ऐसे में 27 जुलाई तक बंगाल की खाड़ी में एक और सिस्टम सक्रिय होने की संभावना बन गई है। यदि हवा की गति और दिशा सही रही तो इस बार पूरे प्रदेश को जोरदार पानी मिलने वाला है। खासकर मालवा निमाड़ सहित पश्चिमी मप्र जमकर भीगने वाला है।

5 अगस्त तक रिमझिम के आसार

कपाड़िया के अनुसार इंदौर, चंबल, उज्जैन, होशंगाबाद और ग्वालियर संभाग में बारिश के अभी भी आसार हैं। 5 अगस्त तक कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश प्रदेश में होती रहेगी। प्रदेश में अब की बार जो बारिश हुई, वह बंगाल की खाड़ी के साथ अरब सागर की खाड़ी में बने सिस्टम से हुई है। इंदौर, धार, खरगोन और बड़वानी को इसलिए ज्यादा पानी नहीं मिल पाया, क्योंकि यहां पर एक ट्रफ लाइन बन गई। हवा का सर्कुलेशन राउंड शेप में बन गया।

इस कारण ये चार जिले तेज बारिश से बच गए। इंदौर में हुई बारिश गुजरात और महाराष्ट्र की ओर से आई नमी के कारण हुई। बंगाल की खाड़ी ने इस बार मप्र के 80 फीसदी जिलों को सामान्य बारिश दे दी है। अभी जुलाई के कुछ और दिन बचे हैं। जहां अभी अच्छी बारिश होगी।

अगले 24 घंटे में कुछ जिलों में हो सकती है जोरदार बारिश

  • ऑरेंज अलर्ट : मौसम विभाग के अनुसार ग्वालियर, चंबल संभाग के साथ ही राजगढ़, आगर, नीमच, मंदसौर और टीकमगढ़ में कहीं-कहीं भारी बारिश संभावना है। यहां बिजली गिरने का भी अलर्ट है।
  • रिमझिम बारिश : भोपाल, होशंगाबाद, उज्जैन, इंदौर, ग्वालियर, चंबल संभाग के कुछ जिलों में रिमझिम बारिश होगी। इसके अलावा जबलपुर, शहडोल, रीवा, सागर संभाग के जिले भी भीगेंगे।

पूर्व में ज्यादा और पश्चिम में कम बारिश क्यों
मौसम विशेषज्ञों का कहना है, बंगाल की खाड़ी से आने वाला सिस्टम भोपाल के रास्ते इंदौर जिले में दस्तक देता है। यह व्यापक रूप से शहर में नहीं फैल पाता। पूर्वी हिस्से में बादलों का माइक्रो जोनेशन हो जाता है, इसलिए पूर्वी हिस्से में बारिश अच्छी होती है। अरब सागर से आने वाला सिस्टम राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र तरफ से प्रवेश करता है। अरब सागर में बनने वाले सिस्टम प्रदेश बड़वानी, बुरहानपुर, मंदसौर, रतलाम, उज्जैन तक तो व्यापक रूप से बरसते हैं, लेकिन इंदौर आते-आते यह कमजोर हो जाता है। शहर में इसका असर पश्चिमी इंदौर तक सीमित रह जाता है।

जून से अब तक प्रदेश में हुई बारिश।

इंदौर में सामान्य बारिश

एयरपोर्ट स्थित मौसम केंद्र के हिसाब से अब तक शहर में 9 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि इसी समय तक पिछले साल 11 इंंच पानी बरस चुका था। वहीं, शहर के पूर्वी हिस्से की बात करें डीआईजी आफिस में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वर्षामापी यंत्र ने 15 इंच बारिश रिकाॅर्ड की है। कृषि काॅलेज में भी 15 इंच के करीब ही पानी गिरा है।

जिले में कुल 29.66 प्रतिशत बारिश हुई है। जिले के महू क्षेत्र में 203.08 मिमी., सांवेर क्षेत्र में 203.08 मिमी., देपालपुर क्षेत्र में 301 मिमी., गौतमपुरा क्षेत्र में 372.60 मिमी. और इंदौर क्षेत्र में 229.60 मिमी. बारिश रिकाॅर्ड की गई है। इस तरह अभी तक इंदौर जिले में कुल 282.46 मिमी. बारिश हुई है जो कि जिले की औसत बारिश का 29.66 प्रतिशत है। पिछले साल 26 जुलाई 2020 की स्थिति में 40.39 प्रतिशत वर्षा हो चुकी थी।

पिछले 24 घंटे में हुई बारिश मिमी में

रायसेन 31, भोपाल 17.8, पचमढ़ी 7, रतलाम 5, गुना 4, सागर 3, छिंदवाड़ा 2, इंदौर 1.9, सतना 1, जबलपुर 0.7, हाेशंगाबाद 0.6।

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