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सियासी फीड बैक:मंत्रिमंडल विस्तार से पहले कांग्रेस प्रदेश प्रभारी माकन ने पूछा-जिलाध्यक्ष किसे बना सकते हैं, जिले में प्रभारी मंत्री कितनी बार आए

मंत्रिमंडल में फेरबदल से पहले कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने पार्टी और समर्थक विधायकों का मन टटोलना शुरू कर दिया है। चर्चा का मकसद गहलोत-पायलट गुट में बंटे कांग्रेसी विधायकों के बीच सरकार की परफॉर्मेंस जानना था।

माकन ने जयपुर के बाद सीकर व झुंझुनूं के विधायकों से चर्चा कर फीड बैक लिया। इसमें जिलाध्यक्ष, आयोग अध्यक्ष के नामों पर भी सुझाव लिए गए। सूत्रों के अनुसार इसी हफ्ते मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है। विधानसभा स्थित सीएम ऑफिस में ही अजय माकन ने विधायकों से बंद कमरे में वन टू वन चर्चा की। माकन ने विधायकों से पूछा कि जिलाध्यक्ष के लिए जिले में कौनसा नाम हो सकता है।

वहीं कॉर्पोरेशन आयोग अध्यक्ष किसे बना सकते हैं। विधायकों से पूछा कि प्रभारी मंत्री ने जिले में कितने दौरे किए। माकन ने हर विधायक से 10 से 15 मिनट तक चर्चा की। ज्यादातर विधायकों से सरकार की योजनाओं पर आमजन से मिल रहे फीड बैक की जानकारी ली।

प्रदेश प्रभारी के सामने विधायकों ने सबसे अधिक जल, बिजली, शिक्षा और चिकित्सा विभागों को लेकर समस्याएं बताई। जिलाध्यक्ष से लेकर ब्लाॅक अध्यक्ष के नाम और मंत्रियों के कामकाज को लेकर सवाल पूछे गए। 2023 के विधानसभा चुनाव में कैसे पार्टी राजस्थान में दोबारा सरकार बनाएं।

मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा की बजाय सिर्फ फीड बैक
विधायकों को उम्मीद थी कि प्रभारी मौजूदा मंत्रियों के कामकाज का फीड बैक लेंगे, ताकि मंत्रियों की परफाॅर्मेस के जरिए उन पर निशाना साधा जा सके, लेकिन चर्चा के दौरान ऐसा कुछ नहीं हुआ। कुछ विधायकों ने मंत्रियों के काम करने के तरीके पर नाराजगी जताई।

पैनल को क्रॉस चैक करने के लिए राजनीतिक नियुक्तियों के नामों पर मांगे सुझाव : प्रदेश प्रभारी माकन ने राजनीतिक नियुक्तियों के मामले में चर्चा की। जैसे अलग-अलग आयोग के लिए कौन-कौन उपयुक्त व्यक्ति हो सकते हैं। इस चर्चा के बहाने कई संभावित दावेदार और मजबूत व्यक्तियों के नाम भी सामने अाए हैं। हालांकि ये नाम खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं।

विधायकों से पूछे गए ये सवाल और उनसे इस तरह मिला फीडबैक
1. आपके हिसाब से जिलाध्यक्ष काैन सही रहेगा। उसका नाम दीजिए
कुछ विधायकों ने मौजूदा पर सहमति जताई। कुछ विधायकों ने जातिगत आधार पर अन्य नाम बताए।
2. विकास याेजनाओं का कामकाज कैसा चल रहा है। आपकाे काेई शिकायत है क्या।
विधायकों ने इस पर चिंता जताई। कुछ का कहना था कि जनता में सही मैसेज नहीं जा रहा। कुछ ने अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाए।
3. आपके प्रभारी मंत्री कैसा काम कर रहे हैं, जिले में कितनी बार अाए।
इस सवाल पर भी विधायकाें में एक राय नजर नहीं आई। प्रभारी मंत्री स्तर पर शिकायतों की सुनवाई नहीं होने की बात भी सामने आई। प्रभारी मंत्री बदलने से दौरे में दिक्कत सामने आई।
4. आगामी चुनाव में सरकार रिपीट कैसे हाे, इस बारे में सुझाव दीजिए।
विधायकों का कहना था कि सरकार अब कोराेना जनित हालात से बाहर निकले और दूसरे मुद्दों पर ध्यान दे। कई विकास कार्य अटके हुए हैं। बड़े प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो रहे हैं। ऐसे में अब जरुरत तेजी से काम की है।

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