टनकपुर-पिथौरागढ़ नेशनल हाईवे छठे दिन बंद, दोपहर बाद यातायत सुचारु होने के आसार
चम्पावत, टनकपुर-पिथौरागढ़ नेशनल हाईवे छठे दिन भी सुचारू नहीं हो पाया है। बुधवार की शाम स्वाला में मलबा हटाकर 105 घंटे बाद वाहनों की आवाजाही शुरू हुई लेकिन 15 मिनट बाद ही फिर से मलबा आ गया। भारतोली में बुधवार को दिनभर जेसीबी और पोकलैंड मशीनें मलबा हटाने में लगी रहीं लेकिन सड़क नहीं खुल पाई। गुरुवार को भारतोली समेत स्वाला में मलबा हटाने का काम सुबह छह बजे से ही शुरू कर दिया गया। बारिश बंद होने से आज काम में तेजी आने की उम्मीद है। हालांकि एनएच के अधिकारियों ने दोपहर दो बजे बाद ही सड़क सुचारु होने की बात कही है।
स्वाला के पास 24 जुलाई की सुबह 11 बजे पहाड़ी दरकने से मलबा आ गया था। बुधवार की शाम सात बजे सड़क खोल दी गई लेकिन 7:15 बजे फिर से बड़ी मात्रा में बोल्डर और मलबा सड़क पर आ गया। खतरे को देखते हुए रात में काम बंद कर दिया गया। सुबह छह बजे से फिर सड़क खोलने का काम शुरू हो गया है। भारतोली में भी मलबा हटाने का काम जारी है। एनएच के ईई एलडी मथेला ने बताया कि लोहाघाट-पिथौरागढ़ मार्ग पर भारतोली में मलबा ज्यादा होने से दोपहर दो बजे तक सड़क खुलने की संंभावना नहीं है। सड़क बंद होने से लोगों को काफी अधिक परेशानी झेलनी पड़ रही है।
यात्रियों को मैदानी क्षेत्र टनकपुर जाने के लिए हल्द्वानी होते हुए और पिथौरागढ़ जाने के लिए अल्मोड़ा होते हुए निकलना पड़ रहा है। सब्जी किराना और अन्य जरूरी सामान भी देवीधुरा के रास्ते लाया जा रहा है। इससे सब्जी की कीमत 30 से 40 प्रतिशत बढ़ गई है। तीन दिन से जिले में पेट्रोल और डीजल की कमी बनी हुई है। जिले की चार ग्रामीण सड़कें अभी नहीं खोली नहीं जा सकी है। इधर टनकपुर-पूर्णागिरि मार्ग 11वें दिन बंद रहा। लोनिवि द्वारा बनाया गया वैकल्पिक मार्ग भी भूस्खलन से ध्वस्त हो गया है। रोक के बाद भी कई श्रद्धालु पगडंडियों से होते हुए पैदल पूर्णागिरि के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।
जिले में थमी बारिश, आसमान में अब भी छाए बादल
गुरुवार को बारिश थमने से जिले के लोगों ने राहत की सांस ली है। पर्वतीय इलाकों में बादलों के बीच हल्की धूप निकल रही है तो मैदानी क्षेत्र टनकपुर और बनबसा में सुबह से अच्छी धूप खिली हुई है। बारिश रुकने से ग्रामीण क्षेत्रों में खेतीबाड़ी का काम फिर शुरू हो गया है। गुरुवार को चम्पावत समेत लोहाघाट बाजार में भी सुबह से चहल पहल रही। हालांकि आसमान में अभी भी बादल छितराए हुए हैं।