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जासूसी के आरोपों की जांच करने को सुप्रीम कोर्ट तैयार, अगले हफ्ते होगी सुनवाई

नई दिल्ली  । संसद के दोनों सदनों में बीते कई दिनों से पेगासस जासूसी विवाद के कारण हंगामा हो रहा है और अब इस विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी जांच को स्वीकृति दे दी है। जासूसी के आरोपों की स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने वकील कपिल सिब्बल दलीलों को सुनने के बाद याचिका पर सुनवाई के लिए मंजूरी दे दी है। प्रधान न्यायाधीश ने भी याचिका पर सहमति जताते हुए अगले हफ्ते सुनवाई करने की बात कही है।

वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्होंने तत्काल सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के सामने वरिष्ठ पत्रकार एन. राम और शशि कुमार की याचिका मेंशन की थी। उन्होंने कहा कि ये नागरिकों की स्वतंत्रता को प्रभावित करता है और सुप्रीम कोर्ट की इस पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि कोर्ट अगले हफ्ते मामले की सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में शीर्ष अदालत के एक मौजूदा या रिटायर जज की अध्यक्षता में जांच की मांग की गई है।

गौरतलब है कि इस मामले में स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में 27 जुलाई को याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया था कि इजराइली स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर पेगासस का उपयोग कई प्रतिष्ठित नागरिकों, राजनेताओं और पत्रकारों पर सरकारी एजेंसियों द्वारा कथित तौर पर जासूसी करने के लिए उपयोग में लाया गया है और इसकी एक स्वतंत्र जांच सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में की जानी चाहिए। साथ ही इस जनहित याचिा में केंद्र सरकार को यह बताने के लिए निर्देश देनने की मांग की गई है कि क्या केंद्र सरकार या उसकी किसी जांच एजेंसी ने विवादित पेगासस स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर का लाइसेंस प्राप्त किया है।

300 से ज्यादा लोगों की फोन टैपिंग का मामला

अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन ने हाल ही अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि 300 से अधिक लोगों के फोन नंबरों को इजराइल के पेगासस स्पाइवेयर से टैप कराया गया था, जिसमें कई विपक्षी दलों के नेता, पत्रकार, जज समेत कुछ कारोबारी भी शामिल थे।

 

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