वर्ल्ड हेरिटेज स्मारक:11 साल पहले वर्ल्ड हेरिटेज के जंतर से हमें मिला गौरव का मंतर
पर्यटकों के लिहाज से शहर के दूसरे और वर्ल्ड हेरिटेज में हमारे सबसे पहले गौरव बने जंतर-मंतर को शनिवार को 11 साल पूरे हो जाएंगे। 31 जुलाई 2010 को जंतर-मंतर की खूबियों ने यूनेस्को को प्रभावित किया और वर्ल्ड हेरिटेज स्मारकों की सूची में शामिल हुआ। 2013-14 में आमेर महल और 2019-20 में परकोटे को यह दर्जा मिला है।
देश में अन्य जंतर-मंतर में दिल्ली, बनारस, मथुरा, उज्जैन में हैं। जयपुर के जंतर-मंतर को 1734 में सवाई जयसिंह ने बनाया था। यहां बड़ी खूबी राशि यंत्र हैं। गृह चाल के साथ यहां यंत्रों से ज्योतिष की गणना सूर्य के जरिए होती है। ध्रुव तारा देखने के साथ आषाढ़ी पूर्णिमा को शहर के ज्योतिषाचार्य बरसों से यहीं वायु परीक्षण कर मौसम का गणित देखते हैं।
वर्ल्ड हेरिटेज के बाद क्या बदला?
सरकार का फोकस बढ़ा। मैनेजमेंट प्लान बनाकर विकास कार्य शुरू हुए। दुनिया में शहर को फेम मिला। पर्यटकों के लिहाज से यहां इंटरप्टेशन सेंटर, रिसर्च रूम, ऑब्जर्वर रूम और 0मेंटिनेंस कार्य शुरू किए गए।
और इस पर्यटक सीजन में पावणों के लिए ये हैं खास
सुपरिटेंडेंट मो. आरिफ के मुताबिक जल्द ही पर्यटकों को शेड, सिटिंग जैसी सुविधाएं मिलेंगी। ये सर्दी-गर्मी-बरसात से बचाने में पर्यटकों के लिए कारगर होंगी। मुख्य आकर्षण में बड़ी घड़ी पर सुरक्षा के लिए रेलिंग, राशि यंत्रों पर क्लीनिंग दिखेगी। रौनक के लिए खमीरे का काम दिखेगा। एडमा से एक्सईएन रवि गुप्ता के मुताबिक जल्द काम पूरे किए जाएंगे। गौरतलब है कि जयपुर में टॉप 100 लोकप्रिय शहरों में शामिल किया गया है।