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मानसून का गणित:सावन में नहीं लग रही झड़ी, 8 दिन में सिर्फ 4.7 मिमी बारिश, जिला फिर रेड जोन में

बुरहानपुर जिले से मानसून की बेरूखी जारी है। सावन शुरू होने के बाद भी लोगों को रिमझिम फुहारों का इंतजार है। वर्ष 2015 के बाद इस बार जिले में सबसे कम पानी बरसा है। इस कारण जिला फिर रेड जोन में आ गया है। जिले में 9 दिन में सिर्फ 4.7 मिमी पानी बरसा है। यह काफी कम है। इसमें चार दिन तो बारिश हुई ही नहीं। सप्ताहभर बाद शहर में सोमवार दोपहर कुछ देर हल्की बारिश हुई।

2015 में 2 अगस्त तक 9.30 इंच पानी बरसा था। इसके बाद के वर्षों में 2 अगस्त तक इतनी कम बारिश नहीं हुई। 2021 में फिर वही स्थिति बनती नजर आ रही है। जिले में अबतक 11.76 इंच पानी बरसा है, जो सामान्य औसत बारिश से 20% कम है। बारिश की स्थिति ऐसी ही रही तो आने वाले दिनों में जल संकट का अंदेशा बढ़ जाएगा, क्योंकि 2015 में भी यही हाल हुए थे। 2015 में कमजोर मानसून के कारण जिले में 28.30 इंच ही पानी बरसा था। यह वार्षिक औसत बारिश से 4.64 इंच कम था। कम बारिश होने के कारण 2016 में जिले में जल संकट गहराया था। इस बार भी हालात नहीं सुधरे तो गर्मी के मौसम में हालत बिगड़ सकते हैं।

बारिश की खेंच से सिंचाई में होगी परेशानी

फिलहाल जिले में सिंचाई के लिए पानी की किल्लत नहीं है, लेकिन बारिश की खेंच जारी रही तो आने वाले समय में दिक्कत हो सकती है। पानी कम बरसने व तापमान बढ़ने से सोयाबीन और कपास में इल्लियों का प्रकोप बढ़ सकता है। तापमान बढ़ने के कारण सफेद मच्छर भी पनप सकते हैं। इससे फसलों के खराब होने का खतरा बढ़ जाएगा।

प्रदेश के पश्चिम-उत्तर में चक्रवात सक्रिय, लेकिन यहां असर कम

प्रदेश के आधे हिस्से में मानसून की अच्छी बारिश हो रही है। वर्तमान में दक्षिण-पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पश्चिम-उत्तर मध्यप्रदेश में समुद्र तल से 7.6 किमी की ऊंचाई तक चक्रवात सक्रिय है। अगले 48 घंटों में यह राजस्थान की ओर आगे बढ़ेगा। मध्य पाकिस्तान में अन्य चक्रवात सक्रिय है। लेकिन इसका असर जिले पर नजर नहीं आ रहा है। मानसून ट्रफ फिरोजपुर, दिल्ली, सीधी से होते हुए बांग्लादेश, त्रिपुरा तक बनी हुई है।

प्रदेश के 7 जिलों में मानसून कमजोर

प्रदेश के सात जिले फिलहाल रेड जोन में हैं। इनमें तीन जिले निमाड़ के हैं। प्रदेश में पन्ना, दमोह, बालाघाट, धार, बड़वानी, खरगोन और बुरहानपुर में सामान्य औसत से 20% से कम बारिश हुई है। ये सभी जिले फिलहाल रेड जोन में हैं। मौसम विभाग ने भी अगले पांच दिन निमाड़ में अच्छी बारिश की ज्यादा उम्मीद नहीं जताई है।

15 मिनट बरसे बादल, लगा झड़ी लगेगी लेकिन नहीं बरसे बादल

सोमवार दिनभर बादल छाए रहे। इससे उमस का अहसास हुआ। शाम 4.15 बजे से शहर में बारिश शुरू हुई। बारिश शुरू होने पर सभी को लगा सावन की झड़ी लगेगी, लेकिन बादल 15 मिनट ही बरसे। बारिश के बाद तापमान में कमी आई। लोगों ने कहा सावन हो या आम दिन, अब तक एक बार भी दो या तीन दिन तक लगातार पानी नहीं बरसा है।

भूमिगत जलस्तर बढ़ना जरूरी, नहीं तो आने वाले महीनों में होगी दिक्कत

जिला जल पुनर्भरण में पहले ही प्रदेश में सबसे पीछे है। ऐसे में कम बारिश होने से भूमिगत जलस्तर काफी कम होने का डर है। बारिश में भी भूमिगत जलस्तर नहीं बढ़ा तो आने वाले महीनों में पानी के लिए दिक्कत बढ़ सकती है। पहले ही गर्मी के दिनों में आधा शहर जलसंकट से जूझता है। पिछले पांच साल में 10 वार्ड ऐसे हो गए हैं, जहां मार्च के बाद ट्यूबवेल का जलस्तर कम होने से टैंकरों से पानी पहुंचाने के हालात बनते हैं।

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