Fri. Nov 22nd, 2024

गहलोत सरकार को केंद्र का झटका:स्मार्ट सिटी में अनुमति लिए बिना कर दी थी चहेतों की नियुक्ति, अब केंद्र ने राजनैतिक नियुक्तियों पर लगा दी रोक

राजस्थान में बनी 4 स्मार्ट सिटी कंपनियों में केंद्रीय मंत्रालय के बिना अनुमति स्वतंत्र निदेशक नियुक्ति के मामले में गहलोत सरकार को बड़ा झटका लगा है। 15 जुलाई को राज्य सरकार ने आदेश जारी करते हुए जयपुर, कोटा, उदयपुर और अजमेर स्मार्ट सिटी में 7 नए इंडिपेंडेंट डायरेक्टर नियुक्त किए थे। इन नियुक्तियों को केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने रोक दिया है।

सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार के पास इस मामले की शिकायत भी गई थी। बताया गया था कि जिन लोगों की नियुक्ति स्मार्ट सिटी में स्वतंत्र निदेशक के तौर पर की थी, उनका टाउन प्लानिंग या शहरी विकास से जुड़े मामले कोई खास अनुभव नहीं था। हालांकि मंत्रालय की ओर से जो आदेश जारी किए गए हैं, उसमें मंत्रालय ने अनुमति नहीं लेने का हवाला दिया है। मंत्रालय ने अपने आदेश के मुताबिक इन नियुक्तियों संबंधी जांच होने तक रोक लगा दी है।

कंपनी एक्ट के तहत इन लोगों की हुई थी नियुक्ति

15 जुलाई स्वायत्त शासन निदेशालय के सचिव ने एक आदेश जारी करते हुए जयपुर स्मार्ट सिटी और कोटा स्मार्ट सिटी में वाइस चेयरमैन की नियुक्ति की थी। इस आदेश में कंपनी एक्ट 2013 का हवाला देते हुए चारों शहरों में बनी स्मार्ट सिटी जयपुर, उदयपुर, अजमेर और कोटा में 7 स्वतंत्र निदेशकों की भी नियुक्ति की थी। इसमें स्मार्ट सिटी जयपुर में जय आकड़, डॉ. पूनम शर्मा, स्मार्ट सिटी कोटा में रविन्द्र त्यागी, रजनी गुप्ता, स्मार्ट सिटी उदयपुर में सज्जन कटारा और स्मार्ट सिटी अजमेर में डॉ. गोपाल बाहेती और राजकुमार जयपाल को नियुक्त किया था।

चहेतों पर मेहरबानी

स्मार्ट सिटी में की गई डायरेक्टर की नियुक्ति में अपनों को जगह दी गई है। बताया जा रहा है कि ये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी मंत्री शांति धारीवाल के निर्देश पर की गई थी। इन नियुक्ति में दो तो पूर्व विधायक हैं। सज्जन कटारा और डॉ. गोपाल बाहेती पूर्व विधायक रह चुके हैं। कोटा में नियुक्त हुई रजनी गुप्ता राज्य बिजली निगम में सीएमडी रहे ए.के. गुप्ता की पत्नी हैं। गुप्ता की नियुक्ति पर तो कोटा के कई कांग्रेसियों ने चुटकी भी ली थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *