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महत्वपूर्ण फैसला:होटल, मैरिज गार्डन और रेस्टोरेंट को भी लेनी होगी, अब प्रदूषण मंडल से अनुमति

भीलवाड़ा जल व वायु प्रदूषण को लेकर प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने महत्वपूर्ण फैसला लिया है। शहर सहित जिले भर में संचालित होने वाले होटल, रेस्टोरेंट, मैरिज गार्डन एवं बैंक्वेट हाल मालिकों को अब प्रदूषण नियंत्रण मंडल से सम्मति लेना होगा। प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। आदेश की पालना नहीं करने वाले होटल व रेस्टोरेंट संचालकों के खिलाफ जल अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। सामान्यतया, होटल, रेस्टोरेंट एवं मैरिज गार्डन से निकलने वाले पानी एवं सूखे और गीले कचरे यूं ही नालों में बहा दिया जाता है। जिससे क्षेत्र में वायु प्रदूषण फैलने की आशंका रहती है।

प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी महावीर मेहता ने बताया कि वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए होटल, मैरिज गार्डन, रेस्टोरेंट व बैंक्वेट हॉल संचालकों को अपने यहां स्थापित जनरेटर सेट में क्लीन फ्यूल जैसे-पीएनजी या सीएनजी का उपयोग ही करना होगा। रसोई के संचालन में धुएं की निकासी के लिए उचित निकास व्यवस्था करनी होगी। मेहता ने बताया कि सभी इकाइयों को एक माह में प्रदूषण नियंत्रण के उपाय स्थापित करके मंडल से संचालन सम्मति लेनी अनिवार्य होगी।

जल प्रदूषण नियंत्रण के लिए यह करनी होगी व्यवस्था

20 कमरों के होटल, रेस्टोरेंट व मैरिज गार्डन जिसमें 10 हजार लीटर प्रतिदिन से कम पानी उपयोग में लिया जाता है, वहां ऑयल व ग्रीन ट्रेप व पर्याप्त क्षमता के सैप्टिक टैंक की व्यवस्था करनी होगी। 10 हजार किलो लीटर से अधिक पानी उपयोग में लेने वाली इकाई को पर्याप्त क्षमता का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाना होगा। इधर, सौ किलो प्रतिदिन से अधिक का कचरा उत्पन्न करने वाली इकाई बायोडिग्रेडेबल कचरे को उपचारित कर जैविक खाद के रूप में इकाई परिसर में उपयोग में लिया जाएगा।

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