मानसून आया, एक दिन भी भारी बारिश नहीं:सावन के सेरे से ही बारिश का आंकड़ा 566 मिमी तक पहुंचा, हम इंदौर-देेवास से आगे
शहर में मानसून की आमद हुए 48 दिन हो गए हैं। अब तब शहर में 415 मिमी बारिश हुई है। इस अवधि में शहर में पिछले साल 309 मिमी बारिश हुई थी। जून में 71.12 और जुलाई में 223.52 मिमी बारिश हुई। बादल छाए लेकिन एक बार भी भारी बारिश नहीं हुई। देवास, शाजापुर, रतलाम और मंदसौर में इस बार ज्यादा बारिश हुई है। मौसम विभाग भोपाल के वरिष्ठ वैज्ञानिक जीडी मिश्रा का कहना है कि मजबूत सिस्टम की कमी से उज्जैन में इन शहरों से कम बारिश हुई है। नतीजा यह हुआ कि शहर से सटे तालाब में दो महीने बाद भी पर्याप्त पानी नहीं आया है।
2 कारण से कम बरस रहे बादल
1. मजबूत सिस्टम नहीं : दो सप्ताह से ज्यादा समय में बंगाल की खाड़ी में जो दो सिस्टम बने, उनका ज्यादा असर शहर तक नहीं हुआ। ट्रफ लाइन भी शहर के बहुत नजदीक से नहीं गुजरी। इस वजह से शहर में रिमझिम तो हुई लेकिन भारी बारिश नहीं हुई। 2. कम वन क्षेत्र : वन क्षेत्र में लगातार कम आ रही है। वन विभाग के अनुसार उज्जैन में 0.6 फीसदी वन है। मौसम विभाग भोपाल के विशेषज्ञों ने कहा कि वन क्षेत्र ज्यादा होने से बादलों का आकर्षित करते हैं, इससे अच्छी बारिश होती है।
राहत : 103 फीसदी होगी बारिश
शहर में मानसून की आमद 18 जून को हो गई। मौसम विभाग भोपाल का पूर्वानुमान है कि इस बार 103 फीसदी बारिश होगी। विभाग ने मई माह में यह पूर्वानुमान लगाया था। विभाग के विशेषज्ञों का कहना है कि अभी वर्षाकाल के दो महीने ही गुजरे हैं। अगस्त और सितंबर में अच्छी बारिश हुई तो कोटा पूरा हो जाएगा। अब तक शहर में दो महीने में कुल 294.64 मिमी बारिश हो चुकी है। शहर की औसत बारिश 908 मिलीमीटर (लगभग 36 इंच) है।
दिन का तापमान 27 डिग्री
बुधवार को दोपहर तक बादल छाए रहे लेकिन बरसे नहीं। इसके साथ ही ठंडी हवा भी चली। जीवाजी वेधशाला के अनुसार बुधवार को अधिकतम तापमान 27 और न्यूनतम 23.5 डिग्री दर्ज किया। ऐसे में दिन और रात के तापमान में 3.5 डिग्री का अंतर रहा। आर्द्रता सुबह 87 और शाम को 82 फीसदी रही। हवा की रफ्तार सुबह 8 और शाम को 12 किलोमीटर प्रतिघंटा दर्ज की गई। दो-तीन दिन में मध्यम बारिश होने की उम्मीद है।