Wed. Apr 30th, 2025

शहर के ट्रैफिक को मिलेगी रफ्तार:52 कराेड़ की लागत; 3 फ्लाईओवर बनने से हीरापुरा से सेज जाने वालों के 20 मिनट बचेंगे

जयपुर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से हीरापुरा से नरसिंहपुरा स्थित महेंद्रा सेज तीन फ्लाईओवर काे मंजूरी दी है। 52 कराेड़ की लागत से बनने वाले ये फ्लाईओवर 2022 तक बन कर तैयार हाे जाएंगे। फ्लाइओवर बनने के बाद 6 किमी दूरी तय करने पर 20 मिनट की बचत हाेगी। अभी पीक टाइम में 6 किमी पार करने में 45 मिनट लग जाते हैं। काम एनएचएआई की ओर किया जाएगा।

ये तीनाें जगह ब्लैक स्पॉट्स भी है। फ्लाईओवर बनने के बाद हीरापुरा से महेंद्रा सेज जाने-आने वाले लाेगाें के राह आसान हाे जाएगी। उन्हें हीरापुरा, भांकरोटा और नरसिंहपुरा चौराहा पर जाम में नहीं फंसना हाेगा। इन चौराहों पर वाहनों के रुकने की वजह से हर दिन 10 लाख का ईंधन फुंक जाता है। साल में औसतन 200 दिन जाम रहता है। इस तरह 200 दिनों में लगभग 18.74 करोड़ से ज्यादा का ईंधन सिर्फ चौराहों पर जल जाता है।

यहां बनेंगे फ्लाईओवर

1. भांकरोटा लागत 19.99 करोड़

2. हीरापुरा जंक्शन 12.25 करोड़

3. नरसिंहपुरा 19.59 करोड़

4. महला 18.99 करोड़

5. मौखमपुरा 19.22 करोड़

6. पड़ासोली 19.74 करोड़

भांकरोटा; रोजाना गुजरते हैं 70 हजार वाहन

  • 500 मीटर लंबा, 22 मीटर चाैड़ा।
  • कुल 6 लेन (3+3)
  • दिल्ली-अजमेर नेशनल हाईवे होने के कारण वाहन भार अधिक है। दोनों ओर स्थित रिहायशी कॉलोनियों का वाहन भार यहां आता है। तिराहे पर रेड सिग्नल होते ही जाम लगता है।

हीरापुरा; 90 हजार वाहनों की आवाजाही

  • लंबाई 550 मीटर और चौड़ाई 11 मीटर, 3 लेन।
  • अभी दिल्ली से अजमेर जाते हुए फ्लाईओवर बना है। इसी के पैरलल अजमेर से दिल्ली के लिए फ्लाईओवर बनेगा। जयपुर सिटी के वाहन दिल्ली के ट्रैफिक में फंस जाते हैं।

सेज; 40 हजार वाहन निकलते हैं 24 घंटे में

  • 500 मीटर लंबा और 22 मीटर चाैड़ा, 6 लेन (3+3)
  • नरसिंहपुरा स्थित महेंद्रा सेज चाैराहा ब्लैक स्पाॅट है। यहां एक्सीडेंट बहुत होते हैं। ऐसे में भारी वाहनों की वजह से सुबह-शाम ट्रैफिक जाम रहता है।

फायदा; 150 से अधिक कॉलोनियों को फायदा। यहां से 70 हजार वाहन रोज गुजरते हैं। सुबह 8 से 12 और शाम 5 से रात 10 बजे तक तक 3 किमी तक जाम लगता है।

फायदा; हर दिन 90 हजार वाहन गुजरते हैं। फ्लाईओवर बनने से अजमेर से दिल्ली जाने वाले वाहन सीधे निकल जाएंगे। जयपुर सिटी के लिए वाहन नीचे से जा सकेंगे।

फायदा; 24 घंटे में 40 हजार वाहन गुजरते हैं। आबादी क्षेत्र होने से वाहनों की तेज गति के चलते महीने से 3 से अधिक दुर्घटनाएं होती हैं। विकसित हो रहीं 50 काॅलाेनियों को लाभ।

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