राज्य चुनाव आयोग का फैसला:जयपुर-जोधपुर समेत 6 जिलों में पंचायत चुनाव; तबादलों पर रोक, कैबिनेट विस्तार पर संशय

राजस्थान में कैबिनेट फेरबदल चर्चा के बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने 6 जिलों (जयपुर, जोधपुर, भरतपुर, दौसा, स.माधोपुर और सिरोही) के जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव की घोषणा कर दी है। 26 अगस्त, 29 अगस्त और एक सितंबर को वोटिंग है, 4 सितंबर को नतीजे आएंगे।
चुनावों का सबसे बड़ा असर ये होगा कि इन 6 जिलों में सभी तरह के तबादलों पर रोक रहेगी। साथ ही कैबिनेट विस्तार पर भी संशय है। हालांकि, सरकार चाहे तो कैबिनेट विस्तार कर सकती है, उसमें कोई तकनीकी बाधा नहीं है। मगर परंपरा रही है कि सरकारें चुनावाें में कैबिनेट विस्तार से बचती हैंै। इन जिलों के 200 जिला परिषद सदस्य, 1564 पंचायत समिति सदस्य, 6 जिला प्रमुख, उप जिला प्रमुख, 78 प्रधान, उप प्रधानों के लिए चुनाव होना है।
- कुल 77 लाख 94 हजार 300 मतदाता हैं।
- चुनाव में लगभग 65 हजार कर्मचारी लगाए जाएंगे।
प्रत्याशियों के लिए…16 तक नामांकन कराएं, रैली व सभाओं पर रोक, खर्च की सीमा डेढ़ लाख रु. तक
- 11 अगस्त को अधिसूचना आएगी।
- 16 अगस्त को 3 बजे तक नामांकन।
- 17 अगस्त को नामांकन पत्र की जांच।
- नाम वापसी 18 अगस्त 3 बजे तक होगी
- नाम वापसी के तुरंत बाद चुनाव प्रतीकों का आवंटन एवं चुनाव लड़ने वालों की सूची छपेगी।
- जिला परिषद सदस्य के चुनाव लड़ने वालों के लिए 1,50,000 रु. व पंचायत समिति सदस्य के लिए 75,000 रुपए की खर्च सीमा तय।
- चुनावी रैलियों-सभाओं पर रोक।
मतदाताओं के लिए…6 जिलों में 10604 बूथ बनेंगे कोरोना के कारण हर बूथ पर मतदाता संख्या 1000
- 26 अगस्त को पहले चरण, 29 अगस्त को दूसरे और 1 सितंबर को तीसरे चरण की वोटिंग।
- सुबह 7.30 बजे से सायं 5.30 बजे तक मतदान होगा।
- 4 सितंबर को सुबह 9 बजे से मतगणना।
- प्रमुख, प्रधान का चुनाव 6 सितंबर को जबकि उप प्रमुख, उप प्रधान का चुनाव 7 सितंबर को होगा।
- 6 जिलों में 10604 मतदान बूथ होंगे।
- काेरोना के चलते हर बूथ पर वोटरों की संख्या 1000 की गई है, जो पहले 1100 होती थी।
तबादले की इच्छा वालों के लिए…
जिनका ट्रांसफर पहले ही हो चुका है, सिर्फ वही जा सकेंगे
चुनाव की घोषणा से पूर्व जारी स्थानान्तरण आदेशों की अनुपालना में इन 6 जिलों में स्थानांतरणाधीन कार्मिकों को रिक्त पद पर कार्यग्रहण करने की अनुमति होगी, किन्तु चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद यहां से किसी को अपने पद से कार्यमुक्त होने की अनुमति नहीं होगी, भले ही उसका स्थानान्तरण चुनाव कार्यक्रम से पूर्व का ही क्यों न हो। इन छह जिलाें के कारण पूरे प्रदेश में तबादले की चेन पर असर पड़ेगा।