देश में कोरोना टीकाकरण ने पकड़ी रफ्तार, पिछले 20 दिनों में लगी 10 करोड़ डोज
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने वैक्सीन कि दोनों डोज़ लेने की अनिवार्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा की हम ये देखेंगे कि सार्वजनिक स्वास्थ्य की तुलना में जीवन के अधिकार को प्रमुखता मिलती है या नहीं और इसी मांग पर सरकार से अपना पक्ष रखने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद होगी.
ट्रायल के नतीजों को भी सार्वजनिक किया जाए- याचिका
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में मांग की गई है कि क्लिनिकल ट्रायल के नतीजों के साथ ही वैक्सीनेशन के बाद जो ट्रायल किए गए हैं, उनके नतीजों को भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए. यह याचिका पीडियाट्रिक डॉक्टर जैकब पुलियाल की तरफ से दायर की गई है. कोर्ट को बताया गया कि याचिकाकर्ता डॉक्टर केंद्र सरकार को सलाह देने के लिए जो टीम बनाई गई थी उसके भी सदस्य रहे हैं.
हम टीकाकरण को लेकर लोगों के मन में भ्रम पैदा नहीं करना चाहते- SC
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हो रहे वकील प्रशांत भूषण से कहा हम आपकी याचिका पर नोटिस कर रहे हैं, लेकिन हम टीकाकरण को लेकर लोगों के मन में भ्रम पैदा नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि वैक्सीन को लेकर भ्रम पहले से ही समस्या पैदा कर रहा है.
कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए पूछा कि जब देश में पहले ही 50 करोड़ से ज्यादा लोग वैक्सीनेशन ले चुके हैं आपकी यह याचिका क्या बाकी लोगों के मन में संदेह पैदा नहीं करेगी!! वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि यह दुनिया में पहली बार हो रहा है कि जब लोगों को ट्रायल की बिना पूरी जानकारी के इस तरीके से बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन का कार्यक्रम चलाया जा रहा है. ऐसे में लोगों की सहमति का क्या!!