पंचायतीराज चुनाव के टिकटों पर घमासान:पायलट समर्थक मनीष बोले- कांग्रेस उम्मीदवारों की राय पर तय हो टिकट; नागर बोले- सिंबल की बात करने वाले इमैच्योर, उनके मन में गड़बड़
जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों में टिकट बांटने के फॉर्मूले को लेकर विवाद शुरू हो चुका है। सचिन पायलट समर्थक विधानसभा चुनाव हारे कांग्रेस उम्मीदवार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समर्थक निर्दलीय विधायक आमने-सामने आ गए हैं। पायलट समर्थक हारे हुए उम्मीदवारों ने टिकट वितरण में उनकी राय लेने की मांग रखी है, जबकि टिकट वितरण में निर्दलीय विधायकों की राय को ज्यादा तरजीह दी जा रही है। जयपुर जिले के चुनावों को लेकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा की अध्यक्षता में हुई बैठक में पायलट समर्थक नेताओं ने टिकट वितरण में भागीदारी मांगी। बैठक के बाद पायलट समर्थक मनीष यादव और निर्दलीय बाबूलाल नागीर के बयानों में तल्खी साफ दिखी।
सौतेला व्यवहार हो रहा है
शाहपुरा से विधानसभा चुनाव हार चुके पायलट समर्थक नेता मनीष यादव ने कहा, पार्टी ने 2018 के विधानसभा चुनाव में हमें टिकट दिया। उसमें हार गए लेकिन उसके बाद हमारे साथ सौतेला बर्ताव हो रहा है। आज भी हमने प्रदेशाध्यक्ष के सामने पक्ष रखा है कि पंचायत चुनाव में सिंबल देने की जिम्मेदारी विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों को सौंपे। पंचायत चुनावों में टिकट उस व्यक्ति को मिलना चाहिए, जो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ था। उन कार्यकर्ताओं को टिकट मिले जिन्होंने विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए काम किया। हम कार्यकर्ताओं के हित की लड़ाई लड़ रहे हैं।
संगठन को बचाना है या केवल सरकार को
मनीष यादव ने कहा, निर्दलियों के सहयोग से सरकार चलानी है। यह मजूबरी है। सरकार बचाने में उनका सहयोग लें। इसमें हमें कोई दिक्कत नहीं है। जिस कार्यकर्ता ने 5 साल पार्टी के लिए लड़ाई लड़ी है, उसका मनोबल कम न हो, यह बात हमने आलाकमान से भी कही है और आज प्रदेशाध्यक्ष से भी कही है। हम आलाकमान को बार-बार कह चुके हैं कि विपरीत हालात में जिस कार्यकर्ता ने पार्टी के लिए काम किया, उसका सम्मान होना चाहिए। अब यह नेतृत्व को देखना है कि संगठन को बचाना है या केवल सरकार बचाने पर ही ध्यान है।
सिंबल वाली बात ही नहीं
गहलोत समर्थक निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर ने कहा, इन चुनावों में सिंबल वाली बात ही नहीं है। सिंबल की बात वो करते हैं जिनके मन में गड़बड़ है। सिंबल की बात करने वाले इमैच्योर हैं। हमारा लक्ष्य इन चुनावों में कैसे कांग्रेस के ज्यादा से ज्यादा प्रधान और जिला प्रमुख बनें, इस पर है। टिकट बांटने से पहले स्थानीय स्तर पर राय ले रहे हैं। पंचायत समिति स्तर पर प्रमुख लोगों की राय ली जा रही है। ये चुनाव कोई एमएलए-एमपी के चुनाव नहीं हैं।
निशाना साधा
नागर ने नाम लिए बिना पायलट समर्थकों पर निशाना साधा और कहा, 15 दिन कांग्रेस का झंडा पकड़ने में और 30 साल तक काम करने में फर्क होता है। हम कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं। हाईकमान हमें जो आदेश देगा, उसे मानने को तैयार हैं। जयपुर जिले में केवल एक बार कांग्रेस का जिला प्रमुख बना है। हमारा ध्यान जयपुर में कांग्रेस का जिला प्रमुख बनाने पर है।
टिकट वितरण में तवज्जो
जयपुर जिल के 3 विधानसभा क्षेत्रों दूदू, शाहपुरा और बस्सी में निर्दलीय विधायक गहलोत सरकार का समर्थन कर रहे हैं। दूदू में बाबूलाल नागर ने कांग्रेस उम्मीदवार रितेश बैरवा को हराया था। शाहपुरा में निर्दलीय आलोक बेनीवाल ने पायलट समर्थक कांग्रेस उम्मीदवार मनीष यादव और बस्सी में निर्दलीय लक्ष्मण मीणा ने भी कांग्रेस उम्मीदवार को हराया था। अब टिकट वितरण में भी इन निर्दलीय विधायकों की राय को कांग्रेस के हारे हुए उम्मीदवारों से ज्यादा तरजीह दी जा रही है। इसका पायलट समर्थक विरोध कर रहे हैं।