एयरलाइन्स कंपनियों को होंगे फायदे:राजा भोज एयरपोर्ट पर बनेगा मेंटेनेंस, रिपेयरिंग एंड ओवरहाॅलिंग सेंटर… फिर आठ एयरक्राफ्ट की एक साथ हो सकेगी रिपेयरिंग
राजाभोज एयरपोर्ट पर मेंटेनेंस, रिपेयरिंग एंड ओवरहाॅलिंग सेंटर (एमआरओ) खुलने जा रहा है। इसके शुरू होते ही एयरपोर्ट पर एक साथ 8 एयरक्राफ्ट की रिपेयरिंग की जा सकेगी। अब तक ऐसा सेंटर हैदराबाद, दिल्ली और मुंबई सहित कुछ बड़े एयरपोर्ट पर ही मौजूद है। राजाभोज एयरपोर्ट के डायरेक्टर केएल अग्रवाल ने एमआरओ खोले जाने की पुष्टि की है।
उनका कहना है कि भोपाल में एमआरओ खुलने का फायदा विभिन्न स्थानों से आवागमन करने वाली सभी एयरलाइंस के एयरक्राफ्ट को मिल सकेगा। अधिकारियों के मुताबिक यह सेंटर स्टेट हैंगर के पास बनाया जाएगा।
एमआरओ खोलने की यह है प्रमुख वजह
भोपाल देश के बीच में स्थित है, इसलिए कहीं से भी एयरक्राफ्ट आसानी से पहुंच सकते हैं। एयरक्राफ्ट का पार्किंग चार्ज राजाभोज एयरपोर्ट पर कम है। जबकि अन्य एयरपोर्ट पर चार्ज ज्यादा लगता है। सभी तरह के एयरक्राफ्ट का मेंटेनेंस शुरू होने के बाद भोपाल से भी फ्लाइट्स की संख्या बढ़ सकेगी। विशेषज्ञों के अनुसार यहां का रन-वे भी अत्याधुनिक है, जिस वजह से मेंटेनेंस के लिए आने वाले एयरक्राफ्ट को लैंडिंग में समस्या नहीं होगी।
एमआरओ खोलने की यह है प्रमुख वजह
भोपाल देश के बीच में स्थित है, इसलिए कहीं से भी एयरक्राफ्ट आसानी से पहुंच सकते हैं। एयरक्राफ्ट का पार्किंग चार्ज राजाभोज एयरपोर्ट पर कम है। जबकि अन्य एयरपोर्ट पर चार्ज ज्यादा लगता है। सभी तरह के एयरक्राफ्ट का मेंटेनेंस शुरू होने के बाद भोपाल से भी फ्लाइट्स की संख्या बढ़ सकेगी। विशेषज्ञों के अनुसार यहां का रन-वे भी अत्याधुनिक है, जिस वजह से मेंटेनेंस के लिए आने वाले एयरक्राफ्ट को लैंडिंग में समस्या नहीं होगी।
पार्किंग चार्ज कम, अन्य एयरपोर्ट पर डेढ़ गुना
राजाभोज एयरपोर्ट और देश के अन्य बड़े एयरपोर्ट पर 24 घंटे के एयरक्राफ्ट की पार्किंग के चार्ज की तुलना करें तो यहां पर काफी कम चार्ज है। यदि एटीआर-72 के चार्ज की तुलना करें तो राजाभोज एयरपोर्ट पर 24 घंटे के 65 से 80 हजार तक लगते हैं। जबकि बड़े एयरपोर्ट पर यह चार्ज 95 हजार से 1 लाख 30 हजार है। एयर बस, बोइंग समेत बड़े एयरक्राफ्ट का यहां 24 घंटे का पार्किंग चार्ज 1.80 लाख से 2.60 लाख है। बड़े एयरपोर्ट पर यह चार्ज 2.20 लाख से 3.50 लाख है।
यहां एमआरओ सेंटर बनने से एयरलाइन्स कंपनियों को ये होंगे फायदे
- बड़े शहरों के एयरपोर्ट पर जगह नहीं हैं। लेकिन यहां पर्याप्त जगह है।
- यहां का रन-वे अत्याधुनिक है।
- भोपाल देश के सेंटर में है इसलिए एयरक्राफ्ट आसानी से पहुंच सकेंगे।