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उत्तर प्रदेश में स्कूल खोलने के आदेश, जानिए विद्यालय निरीक्षण के प्रमुख बिंदु

आगरा: लम्बे समय से देश-दुनिया को जकड़कर रखने के बाद आखिरकार कोरोना महामारी पर कुछ विराम लगा है। माध्यमिक स्कूल और इंटर कॉलेज 16 अगस्त 2021 से खुल चुके हैं। इस दौरान विद्यालयों में पर्याप्त इंतजाम हैं या नहीं, इसके लिए विद्यालय निरीक्षण के लिए अधिकारियों की एक टीम को तैयात किया गया है।
निरीक्षण के लिए जिलेवार अधिकारियों की लगी ड्यूटी
बाराबंकी, फतेहपुर, मिर्जापुर  लखनऊ, सीतापुर, मेरठ, प्रतापगढ़, प्रयागराज, बदायूं, शाजहांपुर, चंदौली, जौनपुर तथा वाराणसी में विशेष सचिव को अपनी-अपनी जिम्मेदारियां दी गई हैं। डायट प्राचार्य व उप प्राचार्य, सहायक निदेशक, वरिष्ठ विशेषज्ञ समेत 60 अधिकारियों को निरीक्षण करना होगा। सभी को अलग-अलग ब्लॉक या नगर या ग्रामीण क्षेत्र के कम से कम एक और न्यूनतम 10 स्कूलों की व्यवस्था का निरीक्षण करना होगा। निरीक्षण की रिपोर्ट शाम तक निदेशालय भेजना होगी। जिन स्कूलों में कमियां पाई जाएंगी, उनका निराकरण शिक्षा निदेशक तथा सचिव यूपी बोर्ड द्वारा दूर कराया जाएगा।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के अनुसार स्कूल केवल सोमवार से शुक्रवार यानी पांच दिन ही खुलेंगे। शनिवार और रविवार को स्कूल बंद रहेंगे। स्कूल जिस दिन खुलेंगे उस दिन प्रदेश भर के स्कूलों के निरीक्षण के लिए 60 अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने आदेश जारी कर दिया है। 16 अगस्त से कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल खोले जा रहे हैं।
मुख्य  मंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्कूलों में बच्चों की वापसी पर कू ऐप (Koo App) पर अपना संदेश देते हुए लिखा, “सभी बच्चों और युवाओं का अभिनंदन। आज से आपके प्रदेश में विद्यालय खुल रहे हैं। आप सभी मन लगाकर पढ़ें। कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करें। कोरोना महामारी में बचाव ही सर्वोत्तम उपाय है। आप सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए मंगलकामनाएं।”
हम उम्मीद करते हैं कि पढ़ाई और स्कूल के बीच की खाई को पाटकर बच्चे अपना और देश का नाम रोशन करें।
विद्यालय निरीक्षण के प्रमुख बिन्दु
– दो पालियों में सुबह 8 से 12 और 12.30 से 4.30 बजे तक चलेंगे स्कूल, छुट्टी एक साथ न की जाए।
– एक पाली में 50 फीसदी बच्चे, सैनिटाइजर, थर्मल स्कैनिंग, पल्स ऑक्सीमीटर, प्राथमिक उपचार की व्यवस्था हो।
– संक्रमण के किसी भी लक्षण की दशा में विद्यार्थियों या अध्यापकों को वापस घर भेज दिया जाए।

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