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आईआईटी जोधपुर का कारनामा:विकसित की दुनिया की सबसे तेज व सुरक्षित ब्लॉकचेन तकनीक; स्मार्ट सिटी, होम, कनेक्टेड कार, हेल्थ और स्मार्ट रिटेल जैसे एप्लिकेशन्स में मिलेंगे सुरक्षित डाटा ट्रांजेक्शन

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जोधपुर के रिसर्चर्स ने दुनिया की सबसे लाइटवेट और एनर्जी एफिशिएंट ब्लॉकचेन तकनीक विकसित की है जो अब तक उपलब्ध विकल्पों में सबसे सुरक्षित भी है। इससे इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) आधारित स्मार्ट सिटी, स्मार्ट होम, इंडस्ट्रीयल ग्रिड, कनेक्टेड कार, कनेक्टेड हेल्थ, स्मार्ट रिटेल, स्मार्ट सप्लाई चेन जैसे कई एप्लिकेशन्स में सुरक्षित डेटा संचार का रास्ता प्रशस्त होगा। अब तक दुनिया में उपलब्ध तकनीक से उन्नत यह तकनीक लाइटवेट है, इसलिए इसके जरिए संबंधित कंप्यूटर डिवाइस के साथ मैकेनिकल व डिजिटल मशीनों के नेटवर्क में डाटा का संचार भी तेज होगा।

दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन, एथेरियम या अन्य के सुरक्षित डिजिटल लेनदेन के साधन के रूप में भी बिटकॉइन-एनजी ब्लॉकचेन प्रोटोकॉल अहम है, लेकिन इनके ट्रांजेक्शन में लगने वाला समय ज्यादा होने से सुरक्षा में कमी, एनर्जी एफिशिएंसी में कमी इत्यादि कमियां भी हैं। आईआईटी जोधपुर के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. देबाशीष दास की अगुवाई में एक्सपर्ट्स की टीम ने प्रोटोकॉल को कंप्यूटेशनल और ऊर्जा-वार कुशल बनाने के लिए विशेष एल्गोरिदम का इस्तेमाल किया, जिससे तकनीक की प्रत्येक नोड्स संचालन की संख्या को कम किया। इसे डवलप करने में 7 विशेषज्ञों की टीम को तकरीबन एक साल से ज्यादा का समय लगा।

जानिए, आईओटी क्षेत्र में कहां और कैसे होगा सबसे तेज ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग
ट्रांसपोर्ट एंड लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में फ्लीट मैनेजमेंट और गुड्स ट्रेकिंग, स्मार्ट सिटीज में यातायात प्रबंधन से लेकर जल वितरण, अपशिष्ट प्रबंधन, शहरी सुरक्षा और पर्यावरण निगरानी, पार्किंग सेंसर्स, स्मार्ट मीटरिंग, स्मार्ट ग्रिड मैनेजमेंट, स्मार्ट बिल्डिंग्स में स्मोक डिटेक्टर, होम ओटोमेशन में स्मार्ट डिवाइस जैसे लाइट्स, डोर लॉक, सीसीटीवी कैमरा, टीवी, एसी इत्यादि को इंटरनेट से कंट्रोल करने, यूजर्स द्वारा उपयोग में ली जाने वाले वियरेबल्स, बच्चों या बुजुर्गों की मॉनिटरिंग के लिए ट्रेकर्स भी इसी तकनीक से जुड़ रहे हैं।

इतना ही नहीं, उद्योगों में होने वाली गतिविधियों को दुनिया में कहीं पर भी बैठकर मॉनिटर व कंट्रोल करना, मैंटिनेंस गतिविधियां मॉनिटर कना, कनेक्टेड हेल्थ सिस्टम, फूड मॉनिटरिंग या अलर्ट्स, एन्वायरमेंटल मॉनिटरिंग, कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण क्लाइमेट चेंज पर नजर रखना, एग्रीकल्चर मॉनिटरिंग के साथ-साथ लाइव-स्टॉक यानि मवेशियों की मॉनिटरिंग तक में आईओटी की उपयोगिता कारगर साबित हो रही है।

बैंकिंग लेनदेन के लिए भी उन्नत तकनीक विकसित करेंगे एक्सपर्ट
आईआईटी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. दास की टीम के इस शोध परिणाम को अंतरराष्ट्रीय जर्नल ‘आईईईई ट्रांजेक्शन्स’ पर कंप्यूटेशनल सोशल सिस्टम्स में प्रकाशित किए गए हैं। इसके साथ ही डॉ. दास की टीम बैंकिंग सेक्टर में डिजिटल लेनदेन को भी और अधिक सुरक्षित और फास्ट करने के लिए मौजूदा तकनीकों से उन्नत टेक्नोलॉजी विकसित करने पर भी काम कर रही है।

डाटा में बदलाव, छेड़छाड़ और डिलीट नहीं होने की मिलेगी गारंटी
कंप्यूटर नेटवर्क में संग्रहित होने वाले डाटा यानी सूचना या लेन-देन वाले ब्लॉक। इसे हर कोई जोड़ सकता है, लेकिन कोई भी इसे बदल या हटा नहीं सकता है। इसके लिए ब्लॉकचेन एक सर्वसम्मत एल्गोरिद्म का उपयोग करता है, जिसका उद्देश्य पूरे कंप्यूटर नेटवर्क में सबसे अधिक सहमत ब्लॉक विवरण ढूंढना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी स्तर पर उस डाटा में बदलाव या छेड़छाड़ या डिलीट नहीं किया गया है। इसी की बदौलत ब्लॉकचेन सुरक्षित मानी जाती है।

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