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कांग्रेस में भी कलह:पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ बोले- कांग्रेस के जिला प्रमुख व प्रधान बनाने हैं तो प्रभारी रामलाल जाट को हटाएं

जिला परिषद चुनाव के शुरुआती दौर में अपने कट्‌टर प्रतिद्वंद्वंवी मदेरणा परिवार के हाथों मिले झटके से पाली के पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ अभी तक उबर नहीं पाए है। भाजपा के साथ ही कांग्रेस में भी कलह कम नहीं हो रही है। अपने समर्थकों को पर्याप्त संख्या में टिकट दिलाने में नाकाम रहे जाखड़ ने अब कांग्रेस के प्रभारी रामलाल जाट पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए उन्हें बदलने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि यदि जिला प्रमुख व प्रधान कांग्रेस के बनाने है तो किसी निष्पक्ष व्यक्ति को यहां का प्रभारी बनाना होगा। उन्होंने साफ कहा कि रामलाल जाट निष्पक्ष नहीं है।

अपने समर्थकों के टिकट कटने से नाराज जाखड़ ने कहा कि सवाल मेरी नाराजगी का नहीं है और न ही यह मुद्दा है कि किसे टिकट मिला। सबसे बड़ा सवाल तो मुख्यमंत्री के गृह जिले में कांग्रेस का जिला प्रमुख बनाना है। उन्होंने दावा किया कि इस बार भाजपा की स्थिति बेहद खराब है। उनकी हालत पतली है। हालात ऐसे बन गए कि उन्हें प्रत्याशी तक नहीं मिल पा रहे है। केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत व पूर्व विधायक बाबूसिंह के बीच का झगड़ा तो सार्वजनिक हो चुका है। ऐसे कई झगड़े खुलकर सामने नहीं आ पाए।

जाखड़ ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री असोक गहलोत व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र भेज दिया कि जोधपुर में कांग्रेस का जिला प्रमुख बनाना है तो रामलाल जाट को प्रभारी पद से बदलना होगा। उम्मीद है कि हमारी मांग को सुना जाएगा। उन्होंने रामलाल जाट की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि रामलाल जाट के कारण ही पूर्व में हम सोजत में बोर्ड बनाने से वंचित रह गए थे। साथ ही भूमि विकास बैंक के चुनाव में भी रामलाल जाट के कारण हमे नुकसान उठाना पड़ा। ऐसे में हमें ऐसे प्रभारी की आवश्यकता है जो पूर्णतया निष्पक्ष रह कर पार्टी हित को तव्वजों देते हुए फैसले करे।

जाखड़ व मदेरणा परिवार में जोरदार टक्कर

जिला परिषद व पंचायत समिति चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों के चयन में इस बाद जाखड़ पर मदेरणा परिवार भारी पड़ा। उनके कई समर्थकों के टिकट कट गए। जाखड़ चाहते थे कि मदेरणा परिवार अपने विधानसभा ओसियां तक ही सीमित रहे। लेकिन इस बार मदेरणा परिवार भोपालगढ़ और बिलाड़ा क्षेत्र में अपने कुछ समर्थकों को टिकट दिलाने में कामयाब रहा। जोधपुर में इस बार जिला प्रमुख का पद सामान्य महिला के लिए आरक्षित है। बद्रीराम जाखड़ एक बार फिर अपनी बेटी मुन्नीदेवी गोदारा को जिला प्रमुख बनवाने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रहे है।

पर्दे के पीछे से सक्रिय है महिपाल

वहीं 19 वर्ष तक जिला प्रमुख रहे महिपाल मदेरणा की पत्नी लीला इस होड़ में स्वयं को आगे रखने में जुटी है। भंवरी प्रकरण में दस साल से जेल में बंद रहने के बाद महिपाल इन दिनों इलाज कराने के लिए अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर है। ऐसे में पर्दे के पीछे से सारे राजनीतिक समीकरण वे ही बैठा रहे है। उनके बाहर आने से लीला के पक्ष में लामबंदी मजबूत हो गई। यहीं कारण रहा कि मजबूत रणनीति के चलते बद्रीराम जाखड़ के समर्थकों के टिकट कट गए।

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