आज से 45 मिनट मिलेगा पानी:बाढ़ से शिप्रा डेम का पानी हुआ मटमैला, साफ करने में लग रही दाे गुना एलम

देवास लंबे इंतजार के बाद तेज बारिश से शिप्रा नदी में बाढ़ आने से डेम का पानी मटमैला हाे गया है। शनिवार काे पानी ज्यादा गंदा हाेने से उसे फिल्टर प्लांट में साफ करने में नगर-निगम के जल संसाधन विभाग काे काफी मशक्कत करना पड़ी। मिट्टीयुक्त पानी काे साफ करने के लिए दाे गुना एलम का उपयाेग करना पड़ रहा है। काफी प्रयास के बाद पानी फटकर साफ हाेने लगा, जिसकी मात्रा कम हाेने से रविवार काे देवास शहर में कम समय के लिए पानी छाेड़ना पड़ा। नगर निगम के अपर आयुक्त आरपी श्रीवास्तव ने बताया, जब भी शिप्रा नदी में बाढ़ आती है ताे पानी के साथ खेताें की मिट्टी कटकर आती है। मिट्टी के पानी काे साफ करने के लिए दाे गुना सामग्री का उपयाेग करना पड़ता है। शुक्रवार रात में बारिश के बाद बहकर आई गंदगी काे बाहर निकालने के लिए डेम के गेट भी खाेले गए थे। शनिवार काे दाे पंप के स्थान पर एक पंप चालू करना पड़ा, जिससे शहर की बड़ी टंकियां पूरी मात्रा में भर नहीं सकी। टंकियाें में कम पानी हाेने से जिस काॅलाेनी में रविवार काे पानी का टर्न था, वहां 45 के बजाय 30 मिनट पानी दिया गया।
रविवार काे नाॅर्मल हुआ पानी, दाेनाें पंप किए चालू
अधिकारी श्रीवास्तव ने बताया, रविवार काे डेम में पानी की स्थिति नाॅर्मल हाेने से दाेनाें पंप चालू कर दिए हैं। दाे पंप के चलने से शहर की टंकियाें पूरी भर सकेंगी और 45 मिनट तक जल वितरण किया जाएगा। डेम के पास बने इंटकवेल से 24 घंटे शहर में पानी सप्लाई किया जाता, तब जाकर शहरवासियाें काे एक दिन छाेड़कर पानी मिल रहा है। नदी में आगे से पानी की आवक बनी रहने से एक गेट काे खाेलकर रखा, जिसमें 493.5 मीटर पानी का लेवल बनाकर रखा है।
डेम पर उद्याेग विभाग का भी इंटकवेल बना है, जहां से 24 घंटे पानी फैक्ट्रियाें में सप्लाई किया जाता है। अधिकारी श्रीवास्तव ने शहरवासियाें से अपील की है कि नलाें में आने वाले पानी का इस समय उबाल और छानकर सेवन करें। हमारी टीम पानी काे साफ करने का पूरा प्रयास कर रही है। नदी में एक-दाे दिन में पानी साफ आने लगेगा।
शहर में जल वितरण के डेम पर बने हैं 3 इंटकवेल
डेम पर शहर में जल वितरण करने के लिए निगम के तीन इंटकवेल बने हैं। पहला 22 एमएलडी का, दूसरा 15 एमएलडी का व तीसरा 6 एमएलडी का इंटकवेल बना है। इन फिल्टर प्लांटाें में 24 घंटे पानी काे फिल्टर किया जा रहा है। शहर में पानी की मांग इतनी है कि डेम में गर्मी के दिनाें में नर्मदा का पानी डलवाया जाता है।
प्रतिदिन साफ करने पड़ रहे प्लांट
इंजीनियर ताैफिक खान ने बताया, बाढ़ आते ही डेम में मिट्टी वाला पानी आ जाता है। इस पानी काे फिल्टर करते समय प्लांट में मिट्टी की गाद जम जाती, जिसे प्रतिदिन साफ करना पड़ती है। रविवार काे सुबह से टीम के सदस्याें ने तीनाें प्लांट की मिट्टी निकालकर साफ की है।