औषधीय पौधों का वितरण:अव्यवस्था : 20 दिन बाद शुरू किया शहर में औषधीय पौधों का वितरण

टोंक राज्य सरकार की घर-घर औषधीय पौधे वितरण योजना का एक अगस्त को शुभारंभ किया गया था। लेकिन पौधों के बैग नहीं होने के कारण व पालिका में व्याप्त अव्यवस्थाओं तथा अनदेशी के चलते बीस दिन बाद इक्कीस अगस्त को घर घर पौधों का वितरण शुरू किया गया। स्थिति यह कि अब 26 अगस्त तक पौधे घर घर पहुंचाने की जिददोजहद में पालिका कर्मियों को पसीनें आ रहें है। उधर वन विभाग नर्सरी में तैयार किए गए एक लाख साठ हजार औषधीय पौधों मे से अभी तक शहरी क्षेत्र के 1500 परिवारों को मात्र 12 हजार पौधे बांटे गए हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्र में साढे सात हजार परिवारों को ही पौधे प्राप्त हुए है।
खास बात यह है कि राज्य सरकार की योजना को सफल बनाने के लिए वन विभाग मालपुरा की तीन नर्सरियों में करीब 1 लाख 60 हजार औषधीय पौधे तुलसी, कालमेघ, अश्वगंधा व गिलोय तैयार किए गए हैं।यह है लक्ष्य^ वन विभाग नर्सरी इंचार्ज चंद्रशेखर शर्मा ने बताया कि मालपुरा ग्रामीाण क्षेत्र के कुल 20 हजार घरों में औषधीय पहुंचाने का लक्ष्य है जबकि मालपुरा शहरी क्षेत्र के 6 हजार घरों में पौधे पहुंुचाने है। जबकि अभी तक ग्रामीाण क्षेत्र में साढे सात हजार घरों में व शहर के पंद्रह सौ घरों में ही पौधे पहुचे है। पौधे वितरण में विलंब का कारण बताते हुए उन्होंने बताया कि पोधाें के बैग का इंतजाम पालिका व पंचायत समिति को करने में समय लगने के कारण पौधे वितरण में देरी हुई है। बैग नहीं होने से वितरण में देरी^ नगर पालिका के पौधे वितरण प्रभारी निहाल चंद जैन ने बताया कि पौधों के बैग नहीं होने से वितरण देरी से शुरू किया गया लेकिन निर्धारित 26 अगस्त तक घर घर पौधे पहुंचा दिए जाएंगे। इसके लिए पालिका कर्मचारियों की पांच टीमें मय वाहनों के लगाई गई है। अब तक नो वार्ड में वितरण कार्य पूर्ण किया जा चुका है। एक एक बैग में आठ आठ पौधे रख कर पार्षदों के सहयोग से वार्ड में वितरण जोरशोर से किया जा रहा है।