Sun. Nov 24th, 2024

CM अमरिंदर के खिलाफ लामबंदी, देहरादून में आज हरीश रावत से मिलेंगे असंतुष्ट 4 मंत्री

दिल्ली । कांग्रेस का पत्ता लगभग-लगभग हर जगह से साफ होता नजर आ रहा है, एक बार फिर से पंजाब में कांग्रेस के पैर लड़खड़ाते हुए नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंकने वाले चार मंत्री देहरादून में आज प्रभारी हरीश रावत से चर्चा करेंगे। ये चर्चा पूरी होने के बाद चारों कैबिनेट मंत्री और कुछ विधायक सीधे दिल्ली की ओर रूख करेंगे। इन मंत्रियों में चरणजीत सिंह चन्नी, सुखजिंदर रंधावा, सुखिबिंदर सरकारिया और तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा शामिल हैं। मुख्यमंत्री के खिलाफ आवाज उठाने वाले ये नेता कांग्रेस हाईकमान से नेतृत्व परिवर्तन की मांग करेंगे।

 

कांग्रेस के महासचिव परगट सिंह चंडीगढ़ देव सीधा दिल्ली के लिए रवाना होंगे। बतादें कि मंगलवार को बाजवा के घर कैप्टन के खिलाफ एक गुट की बैठक हुई, जहां सभी ने कैप्टन के खिलाफ आवाज उठाई और कहा कि पार्टी को अगर अगला चुनाव जीतना है तो कैप्टन को बदलना होगा। इस बात की भी पुष्टि की गई कि जो चार मंत्री देहरादून के लिए रवाना हुए हैं उनके साथ 24 विधायक शामिल हैं। लेकिन जो बैठक की गई थी उसमें से 7 विधायकों ने कैप्टन को पद से हटाने की बात को मानने से इंकार कर दिया। इस बैठक से ये तो साफ पता चलता है कि अब पार्टी में बगावत बू आ रही है।

बाजवा गुट कैप्टन अमरिंदर सिंह को अगला मुख्यमंत्री पद से इसलिए हटाना चाहती है क्योंकि 2015 में धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी के मामालों में न्याय में देरी हो रही है। नशे के रैकेट में शामिल बड़े लोगों को पकड़ना बाकी है और बिजली खरीद समझौतों को रद्द करना जरूरी है। इन वादों को कांग्रेस पार्टी ने 2017 के विधानसभा के चुनाव में किए थे लेकिन अभी तक इन पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं हुई है। इसलिए बदलाव, वक्त की मांग और सियासी जरूरत है।

कांग्रेस के लिए मुसीबत की घड़ी ये इसलिए कही जा रही है क्योंकि सिध्दू के सलाहकार मालविंदर सिंह माली और प्यारे लाल गर्ग कश्मीर और पाकिस्तान पर अपने हालिया विवादास्पद बयानों को लेकर विपक्ष और पार्टी के निशाने पर हैं। इसे लेकर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि ‘‘मालविंदर सिंह माली का कहना है कि जम्मू-कश्मीर भारत का पार्ट नहीं है। नेहरू जी ने जो यूएन में जाकर गलती की थी, आजतक कांग्रेस पार्टी उसके साथ खड़ी है और कांग्रेस नेता घिनौनी बातें कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में हम कह सकते हैं कि कांग्रेस के लिए ये समय बड़ा खराब है क्योंकि पार्टी के बाहर और पार्टी में ही इसके खिलाफ आवाज उठायी जा रही हैं।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *