दस दिन में झूमकर नहीं बरसे बदरा तो आधे प्रदेश पर गहरा सकता है सूखे का खतरा

भोपाल । अगस्त माह बीतने को पांच दिन शेष हैं। वर्तमान में ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों को छोड़कर मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों में बारिश की दरकार है। विशेषकर 14 जिलों में सामान्य से काफी कम बारिश हुई है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक यदि 10 दिन के अंदर अच्छी बारिश नहीं हुई तो प्रदेश के आधे जिलों में सूखे का संकट छा सकता है। हालांकि, उनका कहना है कि 27-28 अगस्त को बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इससे बारिश का एक और दौर शुरू हो सकता है।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार को सुबह साढ़े आठ बजे तक मप्र में सीजन की कुल 685.5 मिलीमीटर बारिश हुई है। यह सामान्य बारिश (708.7मिमी.) की तुलना में तीन फीसद कम है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि सीजन में अभी तक बंगाल की खाड़ी में पांच सिस्टम बने इनमें से पिछले दिनों कम दबाव का क्षेत्र लगभग 10 दिन तक गुना और ग्वालियर के बीच स्थिर रहा। जिसके चलते ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में बाढ़ की स्थिति बन गई थी। एक भी वेदर सिस्टम प्रदेश के मध्य से होकर नहीं गुजरा। इससे अपेक्षित बारिश नहीं हुई। शुक्ला के मुताबिक वर्तमान में 14 जिलों में 20 से 45 फीसद तक कम बारिश हुई है। साथ ही 16 जिलों में भी हालात ठीक नहीं हैं। यदि 10 दिन में अच्छी बरसात नहीं होती है, तो प्रदेश के आधे जिलों में सूखे की आशंका बढ़ जाएगी। हालांकि, बंगाल की खाड़ी में 27-28 अगस्त को एक कम दबाव का क्षेत्र बनने के संकेत मिले हैं। इस सिस्टम के असर से बारिश का एक और दौर शुरू होने के आसार हैं।