29 अगस्त से फिर सक्रिय होगा मानसून, दिल्ली-यूपी समेत इन राज्यों में बारिश का अलर्ट
दिल्ली। देश में मानसून का समय आधे से ज्यादा निकल चुका है ऐसे में अभी भी कई हिस्से ऐसे हैं, जहां बारिश का आगाज नहीं हुआ है। 29 अगस्त से राष्ट्रीय राजधानी और उत्तर-पश्चिम भारत के आसपास के क्षेत्रों में बारिश होने का अनुमान है। इस साल मानसून के मौसम में ओडिशा की अगर बात करें तो यहां पर बारिश की कमी दर्ज की गई है। मानसून में इस साल 31 फीसदी की गिरावट आई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार मानसून के कम दबाव के क्षेत्र के हिमालय की तलहटी में मैदानी इलाकों की ओर बढ़ने की उम्मीद है। इसलिए राष्ट्रीय राजधानी और उत्तर-पश्चिम भारत के आसपास के क्षेत्रों में कल से बारिश होने की संभावना है।
भुवनेश्वर में मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने बताया कि इस साल सात जिलों में बारिश की स्थिति कम दर्ज की गई है। इसमें जाजपुर, भद्रक, बोलांगीर, झारसुगुड़ा, कालाहांडी और अंगुल में बारिश कम हुई है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति बेहद खराब है। आगे उन्होंने बताया कि इस साल ओडिशा में बारिश की कमी की एक वजह नकारात्मक हिंद महासागर द्विध्रुवीय चरण है, जिसने कम दबाव की घटनाओं की संख्या को कम कर दिया था। आईएमडी ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी और उत्तर-पश्चिम भारत के आस-पास के क्षेत्रों में 29 अगस्त से बारिश होने की संभावना है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इस साल बारिश में काफी कमी दर्ज की गई है उन्होंने बताया कि दिल्ली और उत्तर-पश्चिम भारत के कई इलाकों में रूक-रूक कर बारिश वाला चरण देखा गया है। इस रूक-रूक कर बारिश होने के बाद 29 अगस्त से बारिश होने की संभावना जताई जा रही हैं। ब्रेक मानसून की अगर बात करें तो यह कम दबाव का क्षेत्र हिमालय की तलहटी के पास पहुंच जाता है, जिससे देश के अधिकांश हिस्सों में बारिश में तेज गिरावट आती है। लेकिन यह भी सच है कि हिमालय की तलहटी, पूर्वोत्तर भारत और दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों में वर्षा बढ़ जाती है।
दिल्ली सहित उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में पहुंचने से पहले ही इस चरण में मानसून जुलाई के माह मे ही प्रवेश कर चुका था। उत्तर पश्चिम भारत में राष्ट्रीय राजधानी और आस-पास के क्षेत्रों ने 10 अगस्त को फिर से ब्रेक मानसून या रूक-रूक कर बारिश वाला चरण में प्रवेश किया जो 19 अगस्त तक लगातार जारी रहा।