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अमेरिका ने खाली किया अफगानिस्तान, बाइडेन बोले- 20 साल की सैन्य उपस्थिति का अंत हुआ

वॉशिंगटन : अफगानिस्तान में अमेरिका की 19 साल से अधिक समय की मौजूदगी का अंत हो गया है. अमेरिकी सेना के अंतिम तीन विमानों ने भी सोमवार की देर रात काबुल एयरपोर्ट से उड़ान भरी. रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी सेना के अंतिम तीन सी-17 विमानों ने 30-31 अगस्त की आधी रात काबुल के हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरी और इसके साथ ही अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य अभियान का अंत हो गया. तालिबान ने विदेशी सैनिकों को 31 अगस्त तक मुल्क छोड़ने का फरमान सुनाया था. पहले ब्रिटेन ने अपना रेस्क्यू मिशन समाप्त किया और अब अमेरिका एक दिन ही पहले ही अफगानिस्तान से चला गया है.

अफगानिस्तान में अमेरिका की 19 साल से अधिक समय की मौजूदगी का अंत हो गया है. अमेरिकी सेना के अंतिम तीन विमानों ने भी सोमवार की देर रात काबुल एयरपोर्ट से उड़ान भरी. रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी सेना के अंतिम तीन सी-17 विमानों ने 30-31 अगस्त की आधी रात काबुल के हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरी और इसके साथ ही अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य अभियान का अंत हो गया.

समाचार एजेंसियों के मुताबिक न्यूजवीक के संपादक नावीद जमाली ने ट्वीट कर कहा कि युद्ध का अंत हो गया है, अंतिम विमान ने उड़ान भर ली है. वहीं, सीएनएन के रिपोर्टर ने कहा कि अमेरिका के अंतिम तीन सी-17 विमानों ने हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भर ली है. ये अफगानिस्तान में अमेरिका की मौजूदगी का अंत हो सकता है. वहीं, आरटी के मुराद गजदिएव ने ट्वीट कर कहा युद्ध का अंत हो गया है. अमेरिका के बचे सैनिक अभी काबुल एयरपोर्ट से निकले हैं.

Biden ने दिया ये बयान – काबुल से आखिरी अमेरिकी विमान के उड़ने के बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने कहा कि अब अफगानिस्तान में हमारी 20 साल की सैन्य उपस्थिति खत्म हो गई है. उन्होंने आगे कहा, ‘मैं अपने कमांडरों को धन्यवाद देना चाहता हूं कि बिना किसी और अमेरिकी की जान गंवाए उन्होंने अफगानिस्तान से खतरनाक निकासी को पूरा किया’. बाइडेन ने इस ऑपरेशन को सबसे बड़ा अभियान बताते हुए कहा कि पिछले 17 दिनों में हमारे सैनिकों ने अमेरिकी इतिहास में सबसे बड़े एयरलिफ्ट को अंजाम दिया. उन्होंने 1,20,000 से अधिक अमेरिकी नागरिकों और सहयोगियों सुरक्षित निकाला है.

हर व्यक्ति की मदद करेंगे – राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि मैंने विदेश मंत्री से कहा है कि वो अपने अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ निरंतर समन्वय करें ताकि किसी भी अमेरिकी, अफगान भागीदारों और विदेशी नागरिकों के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किया जा सके जो अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं. बता दें कि अपनी सैन्य उपस्थिति खत्म करने के अलावा अमेरिका ने अफगानिस्तान में अपनी राजनयिक उपस्थिति को भी खत्म कर दिया और इसे कतर शिफ्ट कर दिया है. वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका हर उस अमेरिकी की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है जो अफगानिस्तान छोड़ना चाहता है.

अमेरिकी राष्ट्रपति को अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की वापसी को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इसके लिए बाइडेन पर निशाना साध चुके हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि यदि अमेरिका ये फैसला नहीं लेता तो तालिबान कभी अफगानिस्तान पर कब्जा नहीं कर सकता था. उनके मुताबिक, अमेरिका को एकदम से सैनिकों की वापसी के बजाये अलग-अलग चरणों में ऐसा करने पर विचार करना चाहिए था. ऐसे में अफगान सुरक्षा बलों को खुद को मजबूत करने का थोड़ा समय मिल जाता.

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